कोई भी शख्स पिता कैसे कहलाता है…? मां के साथ एक भ्रूण को इस दुनिया में लाने से… या फिर घर का पूरी बीड़ा उठाकर बाहर काम करने से… या फिर समाज के बंधनों को जानकर बच्चे को उसके हिसाब से ढालने से… कैसे बनता है कोई पुरुष एक पिता? एक पुरुष पिता तब बनता है जब वह पहली बार नन्हीं सी जान को अपने सीने से लगाकर खुद दुनियाभर के काटों को सह लेता है लेकिन उस पौधे पर आंच नहीं आने देता. यूं तो श्री कृष्ण के पिता वासुदेव थे, लेकिन कृष्ण को पाला नंद बाबा ने, इसलिए कृष्ण को नंदलाला कहा जाता है. सोचने वाले बात है कि एक पिता होने का अहसास एक पुरुष को किस हद तक बदल देता है, शायद असल मायने में एक पुरुष, जब पिता बनता है तो सही मायनों में नया जन्म पाता है और बेहतर इंसान बन जाता है, फिर इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि वह उसका बच्चा है भी या नहीं…

आपने कई अपहरण के मामले सुने होंगे… सुना होगा कि किसी बदले के चलते बच्चे का अपहरण कर लिया गया और फिर फिरौती मांगी गई, लेकिन राजस्थान के जयपुर से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने बच्चे और ‘पिता’ के रिश्ते की परिभाषा को ही बदलकर रख दिया. इस केस ने ये दिखाया कि कुछ रिश्तों का नाम नहीं होता वह बन जाते हैं.

14 जून 2023… जयपुर

14 जून 2023 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में सांगानेर सदर इलाके से 11 महीने के बच्चे पृथ्वी का अपहरण हो जाता है. हर कोई उसे जगह-जगह ढूंढता है लेकिन उसका कहीं पता नहीं चलता. किडनैपर की भी पहचान हो जाती है… किडनैपर का नाम, तनुज चाहर… ये व्यक्ति बच्चे की मां का कोई जानने वाला था और यूपी के जिला अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात था. आरोपी तनुज ने ही अपने 4-5 साथियों के साथ पृथ्वी को उसके घर से किडनैप कर लिया था. रिपोर्ट दर्ज होने पर जयपुर पुलिस ने सबसे पहले पुलिस लाइन अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल तनुज की तलाश की, लेकिन आरोपी अपनी ड्यूटी से भी गैर-हाजिर चल रहा था. बाद में यूपी सरकार ने हेड कांस्टेबल तनुज को सस्पेंड भी कर दिया… अलीगढ़ जाकर भी पुलिस के हाथ खाली ही रहे.

खत्म हुई तलाश

लेकिन पुलिस ने भी हार नहीं मानी. वह कई राज्यों में मासूम की खोज करती रही. जब कहीं से कुछ पता नहीं चला तो पुलिस ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम रख दिया. इसके बाद जयपुर पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी तनुज चाहर ने अपनी दाढ़ी बढ़ा ली है और साधु का चोला ओढ़करमथुरा-वृंदावनके परिक्रमा मार्ग और यमुना के खादर क्षेत्र में कहीं कुटिया बनाकर रहता है. एक और बात जो पुलिस को पता चली वह ये थी कि वह खुद साधु बनकर और बच्चे को कृष्ण बनाकर घूमता है. बस फिर क्या था आरोपी की तलाश आखिरकार खत्म हुई और बच्चे को अपनी मां से मिलवाने के लिए पुलिस ने मथुरा-वृंदावन का रास्ता लिया.

खुद बना साधु, उसे बनाया कृष्ण

लेकिन एक समस्या से थी कि अगर पुलिस सीधे जाती तो आरोपी भाग सकता था या फिर और अपहरणकर्ताओं की तरह बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता था, तो पुलिसकर्मियों ने भी साधु भेष बना लिया और भजन-गुणगान करती हुई इस साधु की कुटिया में जा पहुंची. लेकिन ना जाने कहां से आरोपी को पुलिस की खबर लग गई, उसने बच्चे को गोद में उठाया और खेतों की ओर भाग निकला, लेकिन आखिरकार पुलिस की महनत सफल हुई और आरोपी ‘बदमाश’ पकड़ा गया. आरोपी को पकड़कर पुलिस उसे थाने लेकर आई, और बच्चे की मां का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ… बस कहानी खत्म… नहीं, बल्कि, यहां से तो ये कहानी शुरू होती है.

पलट गई सारी कहानी

पुलिस स्टेशन आने के बाद पुलिस ने आरोपी को एक अलग कमरे में रखा और बच्चे को उसके माता-पिता को सौंपने के लिए उन्हें बुलाया. माता-पिता भी भागे-भागे आए. सारी कार्रवाई पूरी करने के बाद बच्चे को माता-पिता को सौंपने का वक्त आया. नन्हे पृथ्वी को लेने के लिए पुलिस कमरे में पहुंची तो देखा कि बच्चा तो अपने अपहरणकर्ता से लिपटा हुआ था. पुलिस ये देख हैरान रह गई. उसको गोद में लेने की कोशिश की, लेकिन बच्चा किसी और के पास जाए ही नहीं. तब जाकर पुलिस को समझ आया कि माजरा कुछ और है. खैर उसने बच्चे को जैसे-तैसे माता-पिता को सौंपा और मामले की जांच शुरू की. जब आरोपी से पूछताछ की गई तो कहानी ही पलट गई.

कौन है पृथ्वी का असली पिता?

आरोपी किडनैपर ने बताया कि वह ही पृथ्वी का असली पिता है… उसने कहा कि अगर पुलिस को डीएनए करवाना है तो करवा सकते हैं, लेकिन वह ही उसका असली पिता हैं. बच्चे की मां आरोपी तनुज की बुआ की बेटी है जिससे वह बेइंतहा प्यार करता है. पुलिस पूछताछ में पता चला कि बच्चे पृथ्वी और उसकी मां को आरोपी तनुज अपने पास रखना चाहता था. आरोपी ने बताया कि दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे लेकिन परिवार को ये रिश्ता रास नहीं आया और खाप पंचायत बैठी जिसके बाद लड़की की शादी गुपचुप तरीके से किसी और से कर दी गई. तनुज प्यार में जुदा होने के बावजूद अपनी प्रेमिका को पाने के लिए पुलिस की नौकरी छोड़कर भिखारी तक बन गया. लेकिन तनुज ने हार नहीं मानी. उसने प्रेमिका के खातिर अपना घर और नौकरी सबकुछ छोड़ दिया औकर भिखारी की तरह रहने लगा.

प्यार ऐसे चढ़ा परवान

तनुज प्रेमिका की तलाश करता रहा. उसकी शादी जयपुर में हुई थी. तनुज ने उसे ढूंढने के लिए सब कुछ छोड़ दिया और सड़कों की खाक छानने लगा. एक साल तक फुटपाथ पर रातें गुजारीं और मजदूरी कर अपना पेट पाला. आखिरकार उसे प्रेमिका के घर का पता मिल ही गया और वह दोबारा प्रेमिका से मिलने लगा. धीरे-धीरे अपनी प्रेमिका के पति से व्यवहार बनाया और फिर उसके घर आना-जाना शुरू कर दिया. प्रेमिका ने भी पति से झूठ बोलना मुनासिब नहीं समझा और उसको सबकुछ बता दिया. दोनों मिलने लगे, इसी बीच महिला गर्भवती हो गई और उसने पृथ्वी को जन्म दिया लेकिन फिर अचानक उसने तनुज से नाता तोड़ लिया.इसके बाद दोनों के बीच झगड़े होने लगे और तनुज बच्चे से मिलने के लिए कहता तो प्रेमिका उसकी बात टालने लगी. फिर तनुज ने आखिरकार बच्चे को अपने कुछ साथियों संग किडनैप कर लिया, लेकिन तनुज ने ऐसा किसी बदले की भावना से नहीं किया.

कानून की अपनी परिधियां हैं…

14 जून 2023 को उसने प्रेमिका के घर से उसके 11 महीने के बच्चे को जबरन उठा लिया और उसका अपहरण कर लिया. अब जब पुलिस ने बच्चे को बरामद किया तो उसकी उम्र दो साल से ज्यादा हो चुकी है. यानी बच्चा जब थोड़ा बहुत समझने वाला हुआ तो उसने पिता के तौर पर केवल अपने किडनैपर को देखा. तनुज ने भी बच्चे को सीने से लगाकर रखा. खुद एक रोटी खाई लेकिन उसकी हर जरूरत को पूरा किया. खिलौनों से लेकर कपड़ों तक सबकुछ दिलाया. ऐसा भी नहीं है कि आरोपी तनुज शादीशुदा नहीं है बल्कि उसका 21 साल का एक लड़का भी है और एक पत्नी भी है, लेकिन तनुज ने सबकुछ छोड़ दिया और बस बच्चे के साथ रहता रहा. शायद इसलिए ही बच्चे ने जब से प्यार का मतलब समझना शुरू किया तब से ही उसने केवल अपने इसी ‘पिता’ को समझा. बच्चा उससे अलग होना ही चाहता था, लेकिन समाज और कानून की अपनी परिधियां हैं जिनका पालन करना जरूरी है और अपराधी को अपराध की सजा भी मिलती है. फिलहाल बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है.