राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक शनिवार को केरल के पलक्कड़ में शुरू हुई. यह तीन दिवसीय बैठक 2 सितंबर तक चलेगी. इस बैठक की अध्यक्षता आरएसएस चीफ डॉ. मोहन भागवत कर रहे हैं.

इस बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित संघ के सभी छह सह सरकार्यवाह सहित और भी पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी शामिल हुए. इस बैठक में लगभग 300 स्वंयसेवक शामिल हो रहे हैं. साल में एक बार आरएसएस की यह मीटिंग आयोजित की जाती है.

वायनाड पर हुई चर्चा

बैठक के आयोजन से पहले 30 अगस्त को अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, सुनील आंबेकर ने कहा, इस बैठक का मकसद राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत करना है. हालांकि, बैठक में सबसे पहले वायनाड में हुए भूस्खलन पर बातचीत की गई और स्वयंसेवकों ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों की जो सहायता और सेवा कार्य किए उसकी जानकारी सभी प्रतिनिधियों को दी.

किन मुद्दों पर हुई चर्चा

केरल में पहले भी कई अखिल भारतीय स्तर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अखिल भारतीय समन्वय बैठक पहली बार हो रही है. आरएसएस का गठन साल 1925 में हुआ था, साल 2025 में संघ अपनी 100वीं वर्षगांठ का जश्न मनाएगा, जिसकी तैयारी पर भी इस बैठक में चर्चा की जाएगी. सुनील आंबेकर ने कहा, संघ की 100वीं वर्षगांठ विजयादशमी के मौके पर पड़ रही है, जिसके चलते संघ इस मौके पर नेशन बिल्डिंग और लोगों की सहायता के लिए कई स्कीम लॉन्च करेगा, जिनमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन , पर्यावरण संरक्षण, स्व-देशी और नागरिक कर्तव्य के आधार पर एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक परिवर्तन की योजना बनाई जा रही है, इस पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी.

इस बैठक में राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व आश्रम, विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होंगे. बैठक में विभिन्न संगठनों के कुल 230 प्रतिनिधि और 90 राष्ट्रीय स्तर के संघ पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं.

बांग्लादेश पर अहम चर्चा

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद से ही हिन्दू समुदाय के लोगों पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे थे, जहां 5 अगस्त को जिस दिन देश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ उस दिन हिन्दू लोगों के घरों को जलाया गया, तोड़-फोड़ की गई और उनके गोदाम को भी आग के हवाले कर दिया गया. इन सब बातों के चलते आरएसएस की इस मीटिंग में बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति, विस्थापन और पुनर्वास पर भी बातचीत की जाएगी.