देश की राजधानी दिल्ली में बेहिसाब गर्मी के बाद बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है. गुरुवार की सुबह बारिश की फुहारों ने दिल्ली वालों के चेहरों पर मुस्कान ला दी. इसी के साथ लोगों को गर्मी से राहत मिली. मौसम विभाग ने दिल्ली एनसीआर के लिए बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक अगले 7 दिनों तक लगातार दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना है. हालांकि, जुलाई की शुरुआत भारी बारिश के साथ होगी, ऐसा पूर्वानुमान जताया गया है.
दिल्ली में कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग के अनुसार आज यानी 27 जून को दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम व फरीदाबाद में बादल छाए रहने के आसार हैं. दिन में हल्की बारिश हो सकती है, जिसका सिलसिला सुबह ही शुरू हो चुका है. मौसम विभाग के मुताबिक, गर्जना के साथ बादल बरस सकते हैं.
कैसा रहेगा अगले 7 दिनों तक मौसम?
मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम व फरीदाबाद में एक जैसा मौसम रहने वाला है. दोनों दिन इन इलाकों में बादल छाए रह सकते हैं. इस दौरान हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है. महीने के आखिरी दिन दिल्ली एनसीआर में आसमान में बादलों का डेरा रहेगा. साथ ही पूरे दिन भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबतें लेकर आ सकती है.
जुलाई की शुरुआत झमाझम बारिश के साथ होगी. मौसम विभाग के मुताबिक, एक और दो जुलाई को आंधी-तूफान के साथ दिल्ली-एनसीआर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. इस दौरान तापमान में 5 से 8 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है. ये बदलाव एक हफ्ते में देखने को मिल सकती है.
दिल्ली में कब पहुंचेगा मानसून?
स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में मानसून 29 या 30 जून तक पहुंच सकता है. आमतौर पर दिल्ली में मानसून की एंट्री 27 से 29 जून के बीच होता है. पिछले साल के आंकड़े देखें तो दिल्ली में पिछली बार 26 जून को मानसून ने एंट्री ली थी. वहीं, 2022 में मानसून आगमन की तारीख 30 जून थी.
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है. यही कारण है कि पिछले 24 घंटे में शहर के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. फिलहाल प्री मानसून वाली बारिश दिल्ली के लिए राहत लेकर आई है. इसकी वजह से आसमान से बरसने वाली आग से लोगों को राहत मिली है. इस बार जून का महीना काफी गर्म रहा और कुल 9 दिनों तक लू का चलना दर्ज किया गया. पिछले दो सालों में ऐसा एक बार भी दर्ज नहीं हुआ था.