दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिला जिला अस्पताल से चोरी होने के कुछ घण्टों बाद ही नवजात बच्ची की बरामदगी दमोह पुलिस ने कर ली है। जिले के पथरिया निवासी महिला के चार दिन पहले जन्मीं बच्ची को एक महिला चोरी कर ले गई थी। जिला अस्पताल में बरती गई लापरवाही एक बच्चे को मां से हमेशा – हमेशा के लिए जुदा कर देती,, अगर दमोह पुलिस समय रहते बच्चे को बरामद नहीं करती। दमोह जिला अस्पताल में जन्मी बच्ची को कड़ी सुरक्षा के और दर्जनों सिक्योरिटी गार्ड की निगरानी के बीच एक अज्ञात महिला मां के पास सो रही नवजात बच्ची को बड़ी आसानी से चुराकर ले गई। जब मां वर्षा की नींद खुली तो चार दिन पहले जन्मी बच्ची पलंग से गायब थी।
इस बात की सूचना पुलिस को दी गई मामले कि गंभीरता को देखते हुए खुद जिले के पुलिस कप्तान श्रुत सोमवंसी और दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार ने जिला अस्पताल पहुंच गए। पुलिस टीमें सारे शहर में रवाना की अस्पतालों और शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए ,इस दौरान दमोह एसपी और कलेक्टर जिला अस्पताल में सारे स्टाफ से यहां की जानकारी लेते रहे। साथ ही पुलिस टीम की मॉनिटरिंग करते हुए एडिशनल एसपी ,सीएसपी और सिटी कोतवाल के साथ अनेक पुलिकर्मियों द्वारा कड़ी मेहनत की गई आखिकार सफलता मिली। अब तक जो सीसीटीवी कैमरे में काली साड़ी में बच्चा ले जाती हुई महिला नज़र आई थी उसकी लोकेशन दमोह के शोभानगर नगर निवासी लक्ष्मी सेन की मिली पुलिस दल बल के साथ उस महिला के घर तक पहुंच गई।
आरोपी महिला बच्ची को गोद में लिए बैठी थी, जिसे अपनी बच्ची बताने लगी लेकिन बच्ची के पिता ने पहचान कर ली और पुलिस ने बच्ची को बरामद कर आरोपी महिला लक्ष्मी सेन और उसका साथ देने वाले रिश्तेदार को अपने साथ ले आई। पुलिस की सफलता से एक बेटी को उसकी मां मिली तो मां को उसकी नवजात बेटी। अब मां वर्षा गौंड़ ने भी राहत की सांस ली और पुलिस प्रशासन का थैंक्यू बोलकर शुक्रिया अदा कर रही हैं।