बिहार के पूर्णियां से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. यहां पूर्णियां पहुंची दिल्ली पुलिस से एक बड़ी गलती हो गई. दिल्ली पुलिस जिसे पकड़ने आयी थी उसे न पकड़कर दूसरे को गिरफ्तार कर ले जाने लगी, जिसके बाद पीड़ित ने हल्ला किया तो आस-पास के मुहल्लेवासी वहां जुट गए और सभी पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया. घटना पूर्णियां जिले के कसबा थाना क्षेत्र के तीन पनिया गुदड़ी बाजार की है.
सहरसा जिला के रहने वाले विक्की सिंह उर्फ विक्की ठाकुर के ऊपर दिल्ली पीएस उत्तर थाने में रेप का केस दर्ज है. जिसके बाद दिल्ली पुलिस के एसएसआई सुमित यादव और उनकी टीम आरोपी के घर छापेमारी करने के लिए पहुंची मगर आरोपी घर पर नहीं मिला. इसके बाद दिल्ली पुलिस को पता चला कि विक्की सिंह का ससुराल पूर्णियां जिले के एक कसबे में है. जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस गुरुवार सुबह पूर्णियां के लिए निकली और वहां के कसबे कि पुलिस से आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सहयोग मांगा.
पूर्णियां पुलिस से हो गई गलती
इसके बाद कसबा थाने के एक एसआई और पुलिस ने आरोपी के ससुराल पर छापेमारी का निर्देश दिया और उसके घर का पता दिल्ली पुलिस को दे दिया. पता चलते ही दिल्ली पुलिस घर में घुस गई. जिस वक्त पुलिस छापेमारी करने गई थी, उस वक्त पुलिस पार्टी के लोग बिना वर्दी के थे. अचानक घर में बिना वर्दी के इतने सारे लोग घुसने पर घर के सभी लोग डर गए. फिर सभी पुरुष सदस्य को पुलिस ने पकड़ना शुरू कर दिया. इसके बाद एक शख्स को पकड़ कर पुलिस ले जाने लगी.
पुलिस को लोगों ने बनाया बंधक
घर की महिलाएं इस बात पर हल्ला करने लगीं और पुलिस से पूछने लगीं कि वह किस जुर्म में शख्स को गिरफ्तार कर रहे हैं. हल्ला होते ही मोहल्लेवासी भी घर के बाहर जुट गए और बिना जुर्म, बिना वारंट के कृष्णा चौधरी को पकड़ने का कारण पूछने लगे. वहीं जब वारंट दिखाया गया तो पता चला कि दिल्ली पुलिस गलती से किसी दूसरे के घर में घुस गई है. पुलिस की गलती सामने आते ही मोहल्लेवासियों ने दिल्ली पुलिस सहित कसबे के एक एसआई को बंधक बना लिया. वहीं कृष्णा चौधरी के घर वालों ने बताया कि घर में घुसते ही पुलिस ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया था.
दिल्ली पुलिस ने मांगी माफी
सुबह का समय था और महिलाएं बेड रूम में थी, वहां भी बिना महिला सिपाही के पुलिस घुसकर कैदी को ढूंढ रही थी. वहीं घटना की जानकारी मिलते ही कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया मगर लोग समझने को तैयार नहीं थे. वहीं दिल्ली पुलिस का कहना था कि उन्हें आरोपी के घर की कोई जानकारी नहीं थी, पूर्णियां पुलिस ने ही घर का पता गलत दिया था. एक घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद दिल्ली पुलिस ने लिखित माफीनामा दिया जिसके बाद लोगों ने उन्हें जाने दिया.