लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा था, जिसके बाद अब सभी की निगाहें उपचुनाव पर लगी हैं. सूबे की 10 सीट पर होने वाला उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख का सवाल बन गया है. यही वजह है कि उन्होंने उपचुनाव वाले जिलों का दौरा करके बीजेपी के लिए सियासी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है. इसके लिए सीएम योगी विकास, रोजगार और संवाद के जरिए उपचुनाव की राजनीतिक बिसात बिछा रहे हैं. ऐसे में देखना है कि उपचुनाव में बीजेपी का यह दांव कितना कारगर रहता है?

उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें मीरापुर, गाजियाबाद, अलीगढ़ की खैर, करहल, कुंदरकी, फूलुपर, मिल्कीपुर, कटेहरी, मझवां और सीसामऊ सीटें शामिल हैं. इसमें नौ सीटें 2024 में विधायकों के लोकसभा के सांसद चुने जाने से खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के चलते खाली हुई है. 2022 के चुनाव में इनमें से तीन सीटें बीजेपी ने जीती थी तो पांच सीटें सपा के पास थी. इसके अलावा आरएलडी और निषाद पार्टी के एक-एक विधायक थे.

उपचुनाव का मिशन शुरू

बीजेपी की रणनीति उपचुनाव में अपनी तीन सीट को बचाने के साथ-साथ सपा के दबदबे वाली सीटें जीतकर 2024 के लोकसभा में मिली हार के हिसाब को बराबर करने की है. इन दस सीटों को लेकर बीजेपी की चिंता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को छह सीटों पर सपा से कम वोट मिले थे. 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है, जिसके चलते सीएम योगी ने जमीन पर उतरकर सियासी माहौल बनाने का मिशन शुरू कर दिया है.

सीएम योगी कर रहे दौरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 अगस्त के बाद से अलग-अलग जिलों का दौरा करके बीजेपी को जिताने की पठकथा लिखनी शुरू कर दी है. जिलों में रोजगार मेले के माध्यम से युवाओं को साधने का जरिया बनाया है तो विकास की सौगात देकर लोगों की नाराजगी को दूर करने का दांव मुख्यमंत्री चल रहे हैं. सीएम योगी ने 17 अगस्त को अंबेडकर नगर जिले से अपने दौरे का आगाज किया था. इसके बाद उन्होंने 18 अगस्त को अयोध्या, 22 अगस्त को मुजफ्फरनगर, 23 अगस्त को गाजियाबाद, 27 अगस्त को मैनपुरी, 28 अगस्त को अलीगढ़ और 29 अगस्त को कानपुर का दौरा किया. 2 सिंतबर को मुरादाबाद और 3 सितंबर को फूलपुर का दौरा करेंगे.

सीएम योगी उत्तर प्रदेश के उन्हीं जिलों का दौरा कर रहे हैं और रोजगार मेला लगा रहे हैं, जहां की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है. सीएम योगी ने इन जिलों में रोजगार मेला लगाकर युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए हैं. पांच हजार से लेकर 17 हजार युवाओं को हर जिले में ऑन द स्पॉट नियुक्ति पत्र भी वितरित किए गए हैं. इसके अलावा सीएम योगी जिन जिलों का दौरा कर रहे हैं, वहां पर वो विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी कर रहे हैं. साथ ही लाभार्थीपरक योजनाओं के प्रमाण पत्र और छात्रों को टैबलेट्स का वितरण कर रहे हैं.

विकास, रोजगार का दांव

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव वाली सीटों पर बीजेपी रोजगार मेले और सीएम योगी के दौरा वाले फॉर्मूले से सियासी पासा पलटने की तैयारी में है. बीजेपी के लिए उपचुनाव साख का सवाल बना हुआ है. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हुए नुकसान का कारण रोजगार का मुद्दा था. युवाओं की नाराजगी बीजेपी की हार की एक बड़ी वजह बनी थी. इसी के चलते सीएम योगी ने युवाओं को साधने के लिए रोजगार मेले का दांव चला है. इस तरह तरह सीएम योगी उपचुनाव वाले जिलों में रोजगार मेला लगाकर सिर्फ नियुक्त पत्र ही वितरित नहीं कर रहे हैं बल्कि विकास और संवाद का भी दांव चल रहे हैं.

कांग्रेस, सपा पर साधा निशाना

सीएम योगी जिन जिलों का दौरा कर रहे हैं, वहां पर एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हैं. इस दौरान योगी आदित्यनाथ के निशाने पर सपा से लेकर कांग्रेस तक रह रही हैं. इतना ही नहीं हिंदुत्व एजेंडे को भी सियासी धार देने में जुटे हैं. जातियों में बिखरे हिंदू वोटों को एकजुट करने का भी दांव चल रहे हैं. सीएम योगी जिस भी जिले में जा रहे हैं वहां उपचुनाव वाली सीटों के नेताओं के साथ मुलाकात कर संवाद भी कर रहे हैं. इस तरह सीएम योगी पूरी तरह उपचुनाव के लिए एक्टिव मोड में है.

उपचुनाव के लिए BJP एक्टिव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन 10 सीटों पर जीत की कमान खुद संभाल ली है. संगठन स्तर पर समीकरण सेट करने के साथ-साथ योगी शासन स्तर पर भी बिसात बिछा रहे हैं. इन दस सीटों में से पांच सीटें ऐसी हैं, जो सपा की मजबूत सीटें मानी जाती है. करहल, कुंदरकी, कटेहरी, मिल्कीपुर और सीसामऊ सीटें बीजेपी के लिए काफी चुनौती पूर्ण मानी जा रही है. इतना ही नहीं मझवां, मीरापुर और फूलपुर सीट भी बीजेपी के लिए आसान नहीं दिख रही हैं.

यही वजह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर दोनों डिप्टी सीएम और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने दो-दो विधानसभा सीटों का जिम्मा अपने ऊपर ले रखा है. इसके अलावा सीएम योगी ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों को भी मोर्चा पर लगा रखा है. देखना है कि बीजेपी कैसे उपचुनाव की जंग को फतह करती है?