महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग के मालवन में बीते दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी. इस मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. दोनों आरोपी अभी तक फरार हैं. इसमें प्रतिमा बनाने वाला शिल्पकार जयदीप आप्टे भी है. वो घटना वाले दिन ही कल्याण स्थित अपने घर से भाग गया था. दूसरा आरोपी स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल भी फरार है. वो कोल्हापुर जिले का रहने वाला है.

सिंधुदुर्ग क्राइम ब्रांच की टीम फरार आरोपियों की तलाश में दोनों के घर पहुंची थी. मगर, खाली हाथ लौटी. इस मामले में सिंधुदुर्ग पुलिस ने कुल 7 टीम बनाई हैं. इसमें 2 टीम टेक्निकल एनालिसिस के लिए हैं. 5 टीम मुंबई कल्याण थाने, कोल्हापुर और गोवा में अलग-अलग ठिकानों पर आरोपियों की तलाश कर रही हैं. आरोपियों को लेकर पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. पुलिस इनके अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दे रही है.

कौन है जयदीप आप्टे?

जयदीप आप्टे की उम्र करीब 25 साल है. वो मुंबई से सटे कल्याण इलाके में रहता है. बताया जाता है कि कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे का नजदीकी है. मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स का स्टूडेंट रहा है. आरोप लग रहा है कि सांसद का नजदीकी होने की वजह से ही उसको ये कॉन्ट्रैक्ट मिला था. इसके पहले जयदीप को इस तरह की बड़ी मूर्तियां बनाने का कोई खास अनुभव नहीं था.

प्रतिमा पर सियासत तेज

इस मामले में बुधवार को विपक्ष ने ज्वाइंट पीसी करके सरकार को घेरा था. शरद पवार ने राज्य सरकार को अपनी जिम्मेदारी से न भागने की नसीहत दी थी. उद्धव ठाकरे ने सरकार को शिवद्रोही करार दिया था. इसके बाद बीजेपी ने उद्धव को गिद्ध करार दिया और राजनीति न करने की नसीहत दी थी.

अब सवाल है कि खुद सरकार में शामिल अजीत पवार की एनसीपी भी अपनी ही सरकार के खिलाफ मैदान में कूद गई है. राज्यभर में आंदोलन कर रही है. मुंबई के चेबुर इलाके में एनसीपी अजीत गुट ने शिवाजी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया.

विपक्षी नेता राजनीति कर रहे हैं

उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि अजीत पवार के इस्तीफे की मांग करने वाले विपक्ष के नेता राजनीति कर रहे हैं. जबकि हम राज्य के तमाम लोगों की पीड़ा को देखते हुए यहां पहुंचे हैं. यह मूक आंदोलन है. यानी लोगों की संवेदना के साथ खड़े रहने का आंदोलन. हम बस मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द जांच हो. अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं…इस सवाल का वो घुमा-फिराकर जवाब देते नजर आए.