भोपाल। बारिश के थमते ही शहर की जर्जर सड़कों पर धूल के गुबार उड़ने लगे हैं। इस परेशानी का सामना सबसे अधिक दोपहिया वाहन चालकों को करना पड़ रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि शहर में 78 प्रतिशत नागरिक दो पहिया वाहन चलाते हैं, जिनकी सांसों में यह धूल का जहर घुल रहा है। अगर इसी तरह धूल उड़ती रही तो लोगों को आंख, नाक और सांस संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यदि जल्द ही सड़कों से धूल नहीं हटाई गई तो बहुत लोग बीमारियों की चपेट में आ जाएंगे।
डॉक्टरों का कहना है कि यह धूल सबसे अधिक एलर्जिक लोगों के लिए घातक है। इस धूल की वजह से गाड़ी चलाते वक्त एलर्जिक व्यक्ति को सांस के दौरे तक पड़ सकते हैं। वहीं, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि सड़क पर उड़ रही धूल से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। वर्तमान में शहर की करीब एक दर्जन से अधिक सड़कें ऐसी हैं, जिनसे वायु प्रदूषण फैल रहा है। वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि शहर में चल रहे निर्माणाधीन कार्य भी हवा के प्रदूषण का एक कारण हैं।

इन सड़कों पर उड़ रही सबसे ज्यादा धूल

हमीदिया रोड, छोला रोड, काजी कैंप रोड, करोंद, गांधी नगर, शाहजहांनाबाद, अयोध्या बायपास, बैरागढ़, कोलार, 80 फीट अशोका गार्डन, नादरा बस स्टैंड रोड, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल रोड, जेके रोड, अवधपुरी रोड, आइएसबीटी रोड, पुतलीघर, नूर महल, इमामी गेट, भोईपुरा, भोपाल टाकीज, कांग्रेस नगर, कबीटपुरा, रविदासपुरा, रेजिमेंट रोड, कुम्हारपुरा, संजय नगर, फूटा मकबरा, ईरानी डेरा, सुल्तानिया रोड, नेहरू नगर, जेल रोड, शाहपुरा, बावड़िया कलां, बागसेवनिया, रातीबड़, नीलबड़ समेत अन्य कई प्रमुख सड़कों पर वर्षा के थमने के बाद धूल के गुबार उड़ रहे हैं।

निर्माणाधीन प्रोजेक्ट भी हवा को कर रहे प्रदूषित

मैनिट के प्रोफेसर सिद्धार्थ रोकडे ने बताया कि शहर की सड़कों पर उड़ने वाली धूल से ही नहीं, बल्कि शहर में चल रहे निर्माणाधीन कार्य भी हवा को प्रदूषित कर रहे हैं। इस तरफ भी ध्यान दिया जाना चाहिए। धूल के कई सारे पार्लिकल होते हैं, लेकिन सड़क पर चलने के कारण सड़क किनारे फैली धूल भी हवा को प्रदूषित करती है। यह मिट्टी के पार्टिकल होते हैं, जिनसे भी हवा प्रदूषित होती है।

सड़क से गुजरते समय सांस लेना मुश्किल

शहर की सड़कों पर उड़ रही धूल के कारण वाहन चालकों को सांस लेना भी मुश्किल होने लगा है। दो पहिया वाहन चालक मुंह में कपड़ा बांधकर निकलने के लिए मजबूर हैं। अहम बात यह है कि जो लोग धूल से गुजरते हैं, वह अचानक नाक बंद करते हैं। ऐसे में दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।

शहर में वाहनों की स्थिति

78 प्रतिशत – दोपहिया वाहन
28 प्रतिशत – चार पहिया वाहन
इनका कहना है
शहर की हवा में पीएम-10 और पीएम-2.5 के कण हवा में बहुत कम हैं। यही वजह है कि शहर की हवा फिलहाल अच्छी श्रेणी में है। हालांकि, सड़क पर जो धूल उड़ रही है, वह स्थानीय प्रदूषण फैलाती है। यह हवा में बहुत ऊपर तक नहीं जाती।
– ब्रजेश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, एमपीपीसीबी
धूल की वजह से स्वस्थ व्यक्ति भी तकलीफ में आ जाता है। एलर्जी वाले लोगों को धूल से बचना चाहिए। उनके साथ धूल की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है। गाड़ी चलाते वक्त ऐसे लोगों को सांस के दौरे पड़ सकते हैं। धूल सबके लिए हानिकारक है।
– डा. रतन कुमार, प्रो. आरआइआरडी, हमीदिया अस्पताल
सड़कों से धूल हटाने के लिए सफाई कराई जा रही है। कुछ सड़कों पर सफाई के लिए मशीन भी लगाई गई हैं। जल्द ही सभी सड़कें साफ कर दी जाएंगी। एएचओ को इसके निर्देश दिए गए हैं।
– हरेंद्र नारायण, आयुक्त, भोपाल नगर निगम