चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है. इसी कड़ी में पीडीपी ने भी अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने पहले ही पार्टी का मेनिफेस्टो जारी कर दिया था. ऐसे में जम्मू-कश्मीर में चुनावी घमासान शुरू हो गया है.
महबूबा मुफ्ती ने मेनिफेस्टो जारी करने के बाद कहा कि उनका मानना है कि कश्मीर मुद्दा बहुत गंभीर मामला है. कई लोगों की जान जा चुकी है. वहीं सैकड़ों महिलाएं विधवा और बच्चे अनाथ हो गए हैं. पीडीपी की नीति पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत करने और सड़कें खुलवाने की है. हमारी पार्टी इसी उद्देश्य से काम करती रहेगी. हम सुलह और संवाद चाहते हैं. मुफ्ती ने कहा कि हमारे घोषणापत्र में सुलह के साथ-साथ क्रॉस एलओसी व्यापार और लोगों पर दर्ज मामलों की समीक्षा पर भी चर्चा की गई है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी हमारे मेनिफेस्टो में शामिल है.
ये हैं प्रमुख घोषणाएं:
- 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली और पानी पर टैक्स खत्म
- वृद्धावस्था पेंशन और विधवा पेंशन को दोगुना करने का दावा
- स्थानीय लोगों को पट्टे और खनन के ठेके
- केसीसी कर्ज माफ किए जाएंगे
- सेब के आयात पर 100% स्टांप शुल्क लगाएंगे
- दिहाड़ी मजदूरों को नियमित रोजगार के साधन और मानदेय में बढ़ोतरी
- विचाराधीन कैदियों और जेल में बंद लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता
- मंदिरों और मस्जिदों को मुफ्त बिजली
- पंजाबी को आधिकारिक भाषा में शामिल किया जाएगा
- ट्रांसजेंडरों को समान अधिकार दिए जाएंगे
- कश्मीर का प्रेस क्लब मीडिया को सौंपा जाएगा
- मुहर्रम के लिए अलग से समर्पित बजट
- सभी जिलों में मिनी सचिवालयों की स्थापना
- श्रीनगर शहर में विरासत, खासकर पुरानी संरचनाओं का संरक्षण किया जाएगा
सत्ता के लिए सरकार नहीं बनाना चाहते
प्रेस को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि हम सत्ता के लिए सरकार नहीं बनाना चाहते, बल्कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दों के लिए हमारी सरकार काम करेगी. साथ ही उन्होंने कुर्क की गई संपत्तियों पर प्रतिबंध हटाने की भी बात अपने मेनिफेस्टो में की है. उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर का मुद्दा जिंदा है और हम इसके लिए संघर्ष करेंगे. जम्मू-कश्मीर मुद्दा राज्य का दर्जा या अनुच्छेद 370 नहीं बल्कि राजनीतिक मुद्दा है. गठबंधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और एनसी हमारा एजेंडा स्वीकार करते हैं, तो हम उन्हें सभी सीटों पर चुनाव लड़ने देंगे. इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.
तीन चरणों में होंगे चुनाव
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव कराने का ऐलान किया है. पहला चरण 18 सितंबर, दूसरा 25 सितंबर और तीसरा एक अक्टूबर को होगा. वहीं, चुनावी नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.