झारखंड में होने वाली आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों अपने जनाधार को मजबूत करने में जुट गई है. इसी कड़ी में एनडीए में शामिल वैसी पार्टियां जिनका प्रभाव पड़ोसी राज्य बिहार में है ,वे भी झारखंड में चुनाव से पहले सक्रिय हो गई है. पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू, फिर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ और अब लोजपा राम विलास, अपने संगठन को झारखंड में मजबूत करने में जुट गई है.

25 अगस्त को झारखंड की राजधानी रांची में लोजपा (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है. साथ ही साथ एक बड़ी कार्यकर्ता सम्मेलन भी आयोजित है. इस पूरे कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अपने सभी विधायक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ रांची में मौजूद रहेंगे. इस पूरे कार्यक्रम की अंतिम तैयारी में लोजपा प्रदेश कमेटी लगी हुई है.

प्रदेश अध्यक्ष बोले- 28 सीटों पर हम मजबूत स्थिति में

चिराग के कार्यक्रम को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान ने बताया कि झारखंड के 28 से ज्यादा सीटों पर पार्टी मजबूत स्थिति में है, जहां पार्टी अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी और उनकी जीत सुनिश्चित है. उन्होंने दावा किया कि झारखंड में लोजपा काफी मजबूत स्थित में है. झारखंड में पहले भी लोजपा चुनाव लड़ चुकी है. हमारी दावेदारी को नई बात नहीं है.

केंद्र सरकार में भी लोजपा मजबूत सहयोगी के रूप में कार्य कर रही है. अब झारखंड में चुनाव नजदीक है. इसकी तैयारी में संगठन का हर एक कार्यकर्ता लगा हुआ है. चुनाव में मजबूती के साथ लड़ कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी. झारखंड के 28 सीट पर हम मजबूत स्थिति में है जहां चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

लोजपा के दावे पर क्या बोली बीजेपी?

वहीं, झारखंड में होने वाली आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 28 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे पर भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रांची के लगातार 6 बार से विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा की, चुनाव से पहले सभी पार्टियां चुनाव लड़ने को लेकर दावा करती हैं कोई नई बात नहीं है.

ऐसे भी एक पुरानी कहावत है तोप का लाइसेंस मांगोगे, तो बंदूक का लाइसेंस मिलेगा. लोजपा और बीजेपी सहयोगी दल हैं सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे, टिकट बंटवारे सहित सभी मुद्दों को केंद्रीय नेतृत्व सुलझा लेगा , यह केंद्रीय नेतृत्व का काम है.