कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. नौ अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के बाद अगले दिन कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई इस मामले की जांच शुरू की है और आरोपी संजय रॉय से लगातार पूछताछ कर रही है.
इस बीच, शुक्रवार को सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय सहित छह अन्य आरोपी को पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दे दी. संजय रॉय ने भी पॉलीग्राफ टेस्ट पर सहमति जताई, लेकिन सहमति जताने के साथ ही कोर्ट रूम में जज के सामने ही वह बिलख-बिलख कर रोने लगा और दावा किया कि वह निर्दोष है.
हालांकि कोर्ट ने दरिंदे के बयान पर ध्यान नहीं दिया और उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उसे कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में रखा गया है. शनिवार को इसके साथ-साथ अन्य छह आरोपियों को पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा रहा है.
कोर्ट में क्यों रोने लगा संजय रॉय?
बता दें कि सीबीआई ने संजय रॉय को कोलकाता की अदालत में पेश किया था और मामले में आरोपी और संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मांगी. झूठ पकड़ने वाला टेस्ट, जिसे पॉलीग्राफ टेस्ट कहा जाता है, केवल अदालत और संदिग्ध की सहमति के बाद ही की जाती है.
मीडिया रिपोर्ट अनुसार जब जज ने पूछा कि वह पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए क्यों सहमति दे रहे हैं, तो संजय रॉय कथित तौर पर फूट-फूटकर रोने लगा. उसने अदालत को बताया कि उन्होंने टेस्ट के लिए सहमति इसलिए दी क्योंकि उसका मानना है कि वह निर्दोष है.
मीडिया रिपोर्ट में संजय रॉय के हवाले से कहा कि मैंने कोई अपराध नहीं किया है. मुझे फंसाया जा रहा है. शायद यह परीक्षण यह साबित कर देगा. इसके साथ ही संदीप घोष सहित छह अन्य आरोपियों की भी टेस्ट की अनुमति दे दी.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी. यह अपराध देर रात चेस्ट डिपार्टमेंट के तीसरी मंजिल के सेमिनार हॉल में हुआ और बाद में पुलिस ने कहा कि उसके शरीर पर कई घाव और जख्म पाए गए थे.
संजय रॉय का क्या खुल जाएगा और राज?
संजय रॉय को अपराध के अनुमानित समय के आसपास इमारत में प्रवेश करते देखा गया था और अपराध स्थल के पास उसके ब्लूटूथ हेडफोन पाए गए थे. संजय रॉय के मोबाइल फोन पर कथित तौर पर कई अश्लील क्लिप भी पाई गई थी. उसे अरेस्ट कर किया यदा था.
भारत भर के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने प्रशिक्षु डॉक्टर के क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ 11 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉक्टरों से ऐसा करने का अनुरोध करने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई, लेकिन बंगाल में अभी भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है.