उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद बड़े बदमाश और उनके गुर्गे अंदर बैठकर भी मठाधीशी कर रहे हैं. पिछले दिनों डीजी जेल को इसी तरह के इनपुट नोएडा, चित्रकूट और गाजीपुर की जेलों से मिले थे. इस इनपुट को ध्यान में रखते हुए डीजी जेल ने एक झटके में उत्तर प्रदेश के 11 बड़े बदमाशों की जेल बदल दी है. इन सभी बदमाशों को रातों रात एक जेल से निकाल कर दूसरी जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है. इन बदमाशों में मुख्य रूप से नोएडा के गैंगस्टर रवि काना एवं अनिल भार्टी के अलावा पूर्वांचल में माफिया डॉन रहे अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के गुर्गे भी शामिल हैं.

इन बदमाशों को जिन नए जेलों में भेजा गया है, वहां उनकी सुरक्षा और निगरानी के कड़े इंतजाम किए गए हैं. जेल अधिकारियों के मुताबिक इन बदमाशों ने अपना काकस बना लिया था और इसी काकस के दम पर जेल में बैठकर अपनी गैंग को ऑपरेट करने की कोशिश कर रहे थे. चूंकि पिछले दिनों बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे की हरकत के अलावा बरेली जेल में रहे अतीक अहमद के भाई अशरफ की हरकतों के चलते जेल अधिकारियों की काफी किरकिरी हुई थी.

बदमाशों का काकस तोड़ने की कोशिश

इन दोनों ही मामलों में करीब दर्जन भर जेल अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड भी किया गया था. ऐसे में एक बार फिर जेल में बंद इन बदमाशों के संबंध में इसी तरह का इनपुट सामने आने के बाद डीजी जेल ने यह कार्रवाई की है. जेल महकमे के अधिकारियों के मुताबिक इन दिनों पश्चिमी यूपी का गैंगस्टर अनिल भाटी और रवि काना नोएडा की जेल में बंद थे. इन दोनों बदमाशों के बीच जेल के अंदर गैंगवार होने की आशंका था. जेल के बाहर भी इनका गैंग फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रहा था.