किसी भी देश के लिए उसके वर्दी पहनने वाले अफसर बहुत अहमियत रखते हैं. ये वर्दी चाहें उसकी सेना की हो या फिर पुलिस की उसकी मर्यादा पर आंच नहीं आनी चाहिए. इसलिए हमारे देश में भी जब कोई आर्मी या फिर पुलिस की वर्दी पहनता है तो उसकी गरिमा का ख्याल रखने की पूरी जिम्मेदारी उसी व्यक्ति की होती है और ऐसा ना करने पर अक्सर कई लोगों को इसका भुगतान अपनी वर्दी गंवाकर भरवना पड़ता है.

बीते 15 अगस्त को पूरे देश ने धूमधाम से आजादी का जश्न मनाया. इसके साथ ही देश के कई हिस्सों में कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. महाराष्ट्र के नागपुर में भी एक पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने देश की आजादी का जश्न मनाया. झंडा रोहण के बाद मिठाइयां बटीं और फिर शुरू हुआ नाच-गाने का सिलसिला, लेकिन बस यहीं उन्होंने एक गलती कर दी.

डांस का वीडियो वायरल

तहसील थाने में पुलिस कर्मियों ने वर्दी में ही ठुमके लगाने शुरू कर दिए. वह फिल्म डॉन के मशहूर गाने ‘खइके पान बनारस वाला’ पर थाने के कम्पाउंड में ही वर्दी में नाचने लगे. उनके साथ कई महिला पुलिसकर्मी भी नाचती दिखाई दीं. फोन से वीडियो बनाया गया जिसे बाद में सोशल मीडिया पर डाल दिया गया. इसके बाद डांस का वीडियो वायरल होने लगा. वीडियो के वायरल होने के बाद सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है.

तीन महीने के लिए निलंबित

वायरल वीडियो को आला अधिकारियों ने गंभीरता से लिया. परिमंडल-3 के प्रभारी डीसीपी राहुल मदने ने मंगलवार को वर्दी में नाच रहे चारों पुलिस कर्मियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए. आदेश में कहा गया कि पुलिसबल अनुशासन प्रिय दल है. शासकीय गणवेश धारण करने के बाद जनसामान्य में पुलिस की छवि आदर रखने वाली होनी चाहिए. इस बारे में पहले भी आला अधिकारी सूचना दे चुके हैं, इसके बावजूद फिल्मी गाने गाकर डांस करने से पुलिस की छवि खराब हुई है, इसीलिए अधिकारों का उपयोग कर चारों को तीन महीनों के लिए निलंबित किया गया है.