देश में स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ शुरू की हुई है. इस योजना के तहत सरकार आम लोगों को रियायती दर पर आसान लोन उपलब्ध कराती है. इसकी गारंटी भी सरकार खुद लेती है. लेकिन जल्द ही ये लोन मिलना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके नियमों को कड़ा बनाया जा सकता है. सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने इसके लिए नई गाइडलाइंस तैयार की हैं. ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब सरकार ने बजट 2024 में इस लोन की मैक्सिमम लिमिट को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने का ऐलान किया है.

नीति आयोग की नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि अब से मुद्रा लोन देने से पहले लोन लेने वाले व्यक्ति का बैकग्राउंड चेक किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं ये भी देखा जाना चाहिए कि क्या वह लोन लेने लायक है या नहीं. इसके अलावा कई और सुझाव नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दिए हैं.

नीति आयोग की रिपोर्ट

नीति आयोग ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का आकलन करने वाली एक रिपोर्ट ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के प्रभाव का आकलन’ ( Niti Aayog’s Impact Assessment of PMMY Report) जारी की है. इसमें कहा गया है कि लोन की अंडरराइटिंग के लिए ई-केवाईसी को बढ़ावा को देना चाहिए. इससे लोन से क्या फायदा हुआ, उसका आकलन करने में मदद मिलेगी.

इतना ही नहीं नीति आयोग ने गाइडलाइंस का एक सेट भी तैयार किया है, जो किसी लोन लेने वाले के बैकग्राउंड वेरिफिकेशन और ऋण लेने की क्षमता का आकलन करने में मदद करेगी. वहीं बैंकों को लोन के डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक सुरक्षा नेट भी उपलब्ध कराएगी. चूंकि इन लोन को लेने के लिए कुछ गिरवी नहीं रखना होता है, ऐसे में रिस्क का सही आकलन इस योजना की सफलता में अहम रोल अदा कर सकता है.

छोटे कारोबारी लेते हैं लोन

मुद्रा लोन लेने वालों में ज्यादातर छोटे कर्जदार और छोटे कारोबारी हैं. उनके पास पर्याप्त मात्रा में दस्तावेज नहीं होते या बहुत सीमित डॉक्यूमेंट्स होते हैं. इसलिए बैंकों के लिए उनका वेरिफिकेशन करना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण काम है.संभव है कि ई-वेरिफिकेशन का मकसद बैंकों का काम आसान करना हो, लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी चुनौतियों को देखते हुए संभावना है कि लोगों को लोन लेने में और दिक्कत आए.

इस योजना को सरकार ने 2015 में लॉन्च किया था. मुद्रा योजना के आधिकारिक पोर्टल के मुताबिक अब तक 39.93 करोड़ लोन पास किए गए हैं. इसके तहत सरकार अब तक 18.39 लाख करोड़ रुपए का लोन बांट चुकी है.