कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कल यानी बुधवार देर रात हुई हिंसात्मक घटना में 15 पुलिसवाले घायल हो गए जबकि विरोध प्रदर्शन के इस हिंसा के लिए 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी उपद्रवियों की तस्वीर जारी की है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है कि आखिर इस घटना के पीछे कौन है?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की जांच हो रही है. इसके अलावा इलाके के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. कोलकाता पुलिस के एंटी राउडी सेक्शन को काम पर लगाया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ हिसक प्रदर्शनकारियों की पहचान हो चुकी है. अब उन तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. मगर कोलकाता पुलिस इन पांच सवालों में पूरी तरह उलझ चुकी है.

इन 5 सवालों के घेरे में कोलकाता पुलिस

  • शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान कहां से आई 5000 की भीड़?
  • अस्पताल में हंगामे और तोड़फोड़ के वक्त पुलिस कहां थी?
  • क्या तोड़फोड़ के पीछे सबूत मिटाने की साजिश थी?
  • क्या हंगामा-तोड़फोड़ करने वालों को राजनीतिक संरक्षण है?
  • कोलकाता पुलिस को FIR दर्ज करने में 5 घंटे क्यों लग गए?

पूर्व नियोजित थी घटना- मानिकतला PS के अधिकारी

आरजी कर अस्पताल में हुई इस घटना पर मानिकतला पुलिस स्टेशन के अधिकारी देबाशीष दत्ता ने कहा यह घटना पूर्व नियोजित है. उनलोगों ने पत्रकारों को परेशान किया. वो डैश-डैश-डैश, पुलिस को मार डालो, डॉक्टर को मार डालो. वे नाम लेकर कह रहे थे. इसकी योजना पहले से ही थी. लेकिन हम यह भी कह रहे हैं कि हम इस युद्धक्षेत्र से पीछे नहीं हटेंगे.

RG कर अस्पताल में आधी रात को क्या हुआ?

दरअसल, रात 11 बजे अस्पताल के बाहर अस्पताल के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था. वहीं, रात 12.40 बजे प्रदर्शन कर रहे कुछ लोग अस्पताल के अंदर घुसे. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ हुई. इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टरों से मारपीट की गई. जान बचाने के लिए छात्रों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस, RAF पर पत्थरबाजी की.

पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. बैरिकेड तोड़ा गया. पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. रात 2 बजे पुलिस कमिश्नर आरजी कर अस्पताल पहुंचे.

ममता सरकार इस घटना पर नीपा पोती कर रही है- BJP

उधर, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सबूत मिटाने के लिए अस्पताल में तोड़फोड़ की गई. ट्रक से लोगों को अस्पताल बुलाया गया. विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने उपद्रवियों को बिना रोक टोक के अंदर जाने दिया. इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ की गई. डॉक्टर्स और स्टाफ के साथ मारपीट की गई. बीजेपी का कहना है कि ममता सरकार इस घटना पर नीपा पोती करने में जुटी है.