Putrada ekadashi ke upay: हिंदू धर्म में एकादशी के दिन का खास महत्व होता है. इसके अलावा सावन के महीने में आने वाली पुत्रदा एकादशी और भी खास मानी जाती है. क्योंकि सावन के महिने में जहां भगवान शिव की पूजा है वहीं एकादशी के दिन हमेशा की तरह भगवान विष्णु की पूजा भी होती है. मान्यता है कि सावन में आने वाली एकादशी बहुत ही शुभ फल देने वाली होती है. साथ ही इस दिन कुछ खास उपाय करने से संतान दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख शांति भी बनी रहती है.

पुत्रदा एकादशी तिथि और मुहूर्त (Putrada ekadashi Date and Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन पुत्रदा एकादशी व्रत की शुरुआत गुरुवार 15 अगस्त 2024 को सुबह 10 बजकर 25 मिनट से होगी. साथ ही शुक्रवार 16 अगस्त को सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. इसलिए उदय तिथि के हिसाब से पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा. वहीं व्रत का पारण 17 अगस्त सुबह 5 बजकर 52 मिनट से 8 बजे तक किया जाएगा.

पुत्रदा एकादशी के संतान प्राप्ति के उपाय (santan prapti ke upay)

विवाह के बाद सभी संतान संतान सुख पाना चाहते हैं. जिसके लिए सावन में आने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है. मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्त होती है. लेकिन किसी व्यक्ति की कुंडली में संतान दोष होता है. तो कहा जाता है कि वहां इस दिन कुछ विशेष उपायों को कर सभी दोषों से जल्द छुटकारा पा सकते है और संतान सुख प्राप्त किया जा सकता है.

घर लाएं लड्डू गोपाल

संतान की कामना के लिए पुत्रदा एकादशी के दिन तांबे के जटा वाले गोपाल को घर लाएं और फिर भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा करें. गोपाल मंत्र का प्रतिदिन जाप करें. इस उपाय से योग्य संतान का जन्म होगा.

कामधेनु गाय और बछड़े की मूर्ति

पुत्रदा एकादशी के दिन संतान सुख पाने के लिए घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व कोने में कामधेनु गाय और बछड़े की मूर्ति स्थापित करें. माना जाता है कि इससे पारिवारिक जीवन में संतान सुख आता है.

चांदी का कछुआ

घर में चांदी का कछुआ रखने से पैसों की कमी नहीं होती. ऐसे में पुत्रदा एकादशी के दिन चांदी का कछुआ घर लाएं और एक कांच के बर्तन में थोड़ा पानी डालें और कछुए को उसमें रख दें.

दक्षिणावर्ती शंख

सावन पुत्रदा एकादशी पर घर में दक्षिणावर्ती शंख लेकर आएं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति अपने घर में दक्षिणावर्ती शंख रखता है तो वहां पर लक्ष्मी देवी का वास होता है.

मोर पंख

यदि घर में कोई दोष है या कुंडली में संतान दोष होता हैं. तो ऐसे में पुत्रदा एकादशी के दिन एक मोर पंख लाकर कान्हा जी की मूर्ति या तस्वीर के पास रख दें. मान्यता है कि ऐसा करने से संतान दोष और गृह दोष दोनों ही दूर होता है.