अमेरिकी शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को देर रात अपनी एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उन्होंने सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति पर अडानी से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया है, जिसके बाद अब बीजेपी की तरफ से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कमेंट सामने आया है.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, जांच ऐजिंसियों की जांच का सामना कर रही है हिंडनबर्ग के द्वारा सात समंदर पार से एक सुर उठाया जाता है और सारा विपक्ष उस में ताल मिलाने लगता है. उन्होंने आगे कहा ज्यादा गंभीर बात यह है कि विपक्ष संसद सत्र के साथ उसका संबंध जोड़ देते हैं. सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि विपक्ष को यह पता था कि संसद सत्र के दौरान ही वो रिपोर्ट आनी थी.
“संसद के समय ही आती है विदेशी रिपोर्ट”
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, पिछले कई सालों से जब भी भारत में संसद का सत्र चलता है तब ही विदेश में कोई न कोई रिपोर्ट छपती है. उन्होंने बीबीसी की उस डॉक्यूमेंट्री का जिक्र करते हुए कहा जो पीएम मोदी को लेकर बनाई गई थी, कि वो डॉक्यूमेंट्री संसद का सत्र शुरू होने से ठीक पहले आई थी. जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट बजट सत्र शुरू होने से ठीक पहले आई थी. उन्होंने कहा यह सारी रिपोर्ट संसद सत्र के दौरान ही आती है.
विपक्ष पर किया हमला
सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, यह संदेह बहुत गहरा हो जाता है कि सीमा पार से विपक्ष के कुछ ऐसे तार जुड़े हुए हैं कि भारत के हर संसद सत्र के दौरान अस्थिरता और अराजकता पैदा करते हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोग भ्रम फैलाकर भारत के अंदर आर्थिक अराजकता पैदा करना चाहते हैं.
“कांग्रेस विदेशी कंपनियों के साथ क्यों”
सुधांशु त्रिवेदी कहा यह वहीं लोग है जिन्होंने एक साल पहले कहा था कि एलआईसी (LIC) डूब गया, इन्होंने कहा था एसबीआई (SBI) डूब गया और उन्होंने कहा अब यह सेबी के ऊपर अटैक कर रहे हैं. सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल पूछा कि कांग्रेस पिछले 30-40 सालों से हमेशा विदेशी कंपनियों के साथ क्यों खड़ी रहती है? उन्होंने कांग्रेस से पूछा, विदेश के संस्थानों से यह कौन सा याराना है कि भारत के आर्थिक संस्थान के हर विषय के ऊपर आपका निशाना है.
शाहनवाज हुसैन भी किया हमला
बीजेपी के नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, इस देश में देश के आर्थिक सिस्टम और आर्थिक व्यवस्था को बर्बाद करने की बहुत बड़ी साजिश चल रही है. आज दुनिया की इकोनॉमी अच्छा नहीं कर रही है पर भारत की इकोनॉमी बहुत अच्छा कर रही है इसलिए अब एलआईसी, एचएएल के बाद सेबी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, ये रिपोर्ट उसी का हिस्सा है.