राजस्थान के मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम सांवलिया सेठ में हर समय भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. भक्त भगवान सांवलिया सेठ के दर पर माथा टेकते हैं और जब मनोकामना पूरी हो जाती है तो इतना चढ़ावा चढ़ाते हैं कि सांवलिया सेठ के भंडारे से हर महीने करोड़ का चढ़ावा आता है. दान पत्र खुलते हैं तो सोने चांदी के जेवरात और अलग-अलग वस्तुएं सोने चांदी की बनी हुई उसमें डाली जाती हैं.

सांवलिया सेठ के प्रति भक्तों की इस तरह आस्था है कि पिछले 8 महीने में सांवलिया सेठ के भंडारे से करीब 124 करोड़ का चढ़ावा निकला है. खास बात यह है कि हर महीने भंडारे से चढ़ावे को गिनने के लिए चार से पांच दिन लगते हैं. अलग-अलग राउंड में काउंटिंग होती है और उसमें भी मंदिर मंडल के पदाधिकारी और बैंक के कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं.

भक्तों को है भगवान पर भरोसा

भक्त सांवलिया सेठ से जो भी मन्नत मांगते हैं सांवलिया सेठ उनकी मन्नत पूरी करते हैं. भक्त कमाई का एक बड़ा हिस्सा या पार्टनर सांवलिया सेठ को अवश्य बनाते हैं और हर महीने सांवलिया सेठ के दर पर माथा टेक कर उनके हिस्से का दान कर देते हैं. पिछले 2 महीने में सांवलिया सेठ के भंडारे से 37 करोड़ से अधिक चढ़ावा आया है. यहां तक की इस महीने भी पांच राउंड की गिनती पूरी हुई, जिसमें 18 करोड़ 29 लाख 53 हजार का चढ़ावा आया है. भेट कक्ष से भी चांदी और सोने के जेवरात भी चढ़ावे में मिले हैं. 8 महीने में 124 करोड़ से अधिक चढ़ावा की राशि सांवलिया सेठ के भंडारे से निकली है.

जो भक्त सांवलिया सेठ से मांग कर जाता है उसे सांवलिया सेठ बच्चन को पूरा करते हैं इस कारण वक्त सांवलिया सेठ के हिस्से का चढ़ावा चढ़ाते हैं. त्योहार के समय तो सांवलिया सेठ के मंदिर में भक्तों की इस तरफ भीड़ उमड़ती है कि जगह नहीं मिल पाती. देश भर के भक्त सांवलिया सेठ के यहां दर्शन करने आते हैं.

सांवलिया सेठ के प्रति इस तरह आस्था है कि कोई भक्त पेट्रोल पंप खोलना है तो चांदी का पेट्रोल सांवलिया सेठ को भेंट करता है तो कोई चांदी का ट्रैक्टर तो कोई भक्त चांदी की बांसुरी, चांदी का ट्रक इस तरह की भेट सांवलिया सेठ में देखने को मिलती है. यहां तक की एक भक्त ने सोने की पोशाक भी सांवलिया सेठ को भेट की थी.