मध्य प्रदेश का उज्जैन महाकाल की नगरी है. महाकाल लोक के निर्माण के बाद उज्जैन प्रॉपर्टी हब बनने की ओर अग्रसर है. इस शहर की सबसे खास बात है, बेहतर सड़क कनेक्टिविटी. यही वजह है कि यहां लगभग 50 से अधिक कंपनियां अब तक निवेश कर चुकी हैं. होटल व्यवसाय भी लोगों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है.

औद्योगिक नगर विक्रम उद्योगपुरी का निर्माण देवास रोड पर किया गया है, जो कि 442 हेक्टेयर में बना है. यहां 13000 करोड़ के उद्योग लग चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही यह शहर धार्मिक नगरी के साथ ही औद्योगिक नगरी के नाम से भी जाना जाएगा. जल्द ही उज्जैन में एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज भी होंगे, यहीं वजह है कि यहां पर जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं.

प्रॉपर्टी खरीदने के पहले रखना होगा ध्यान?

एडवोकेट कैलाश बंसल बताते हैं कि कोई भी संपत्ति खरीदने के पहले हमें यह जान लेना आवश्यक है कि विक्रेता आखिर किस तरीके से इस संपत्ति का स्वामी बना है. उसके पास संपत्ति से संबंधित टाइटल डीड्स नामांतरण व अन्य दस्तावेज है भी या नहीं. यह संपत्ति कहीं बंधक या फिर भारग्रस्त तो नहीं है. संपत्ति की सर्च रिपोर्ट पूर्णतः स्वच्छ है, इसका ध्यान रखना जरूरी है. संपत्ति के विक्रय में विक्रेता के परिवारजनों की कोई आपत्ति तो नहीं है. यदि संपत्ति नगर तथा ग्राम निवेश नगर निगम राजस्व आदि विभागों के अंतर्गत आता है तो यहां से इसके लिए अनुमति ली है ली गई है या नहीं….?

संपत्ति यदि कृषि भूमि है तो राजस्व अभिलेखों में उसका नामांतरण, सीमांकन, बटांकन, राजस्व मानचित्र में उसकी आकृति स्पष्ट है या नहीं? यदि विक्रेता ने यह संपत्ति क्रय की हो तो उसका विक्रय पत्र अथवा अंतरण तथा अन्य दस्तावेज विधिवत रूप से पंजीकृत स्थापित है या नहीं. हमेशा मूल स्वामी से ही संपत्ति का अनुबंध किया जाए तो ही श्रेष्ठ रहता है क्योंकि अनुबंध के आधार पर अगर और किसी से अनुबंध किया जाता है तो इसे वैधानिक नहीं माना जाता है. संपत्ति खरीदने के पहले जारी सूचना का प्रकाशन जरूर करवाना चाहिए, जिससे यदि यह संपत्ति अनुबंध, भारग्रस्त या फिर किसी भी विवादों में हो तो इसकी जानकारी हमें मिल सके.

उज्जैन की कनेक्टिविटी

सड़क मार्ग से उज्जैन लगातार जुड़ता जा रहा है. उज्जैन झालावाड़ टू लाइन मार्ग, उज्जैन देवास फोरलेन मार्ग, उज्जैन बदनावर मार्ग के साथ ही उज्जैन गरोठ मार्ग का निर्माण कार्य लगातार जारी है. उज्जैन इंदौर मार्ग पर फोरलेन के बाद अब सिक्स लेन की शुरुआत होने वाली है. वहीं उज्जैन मक्सी रोड पर भी फोरलेन बनने जा रहा है.

कंपनियों के कारण उज्जैन में बढ़ेगा रोजगार

विक्रम उद्योगपुरी देवास रोड पर 50 बड़ी कंपनियां 6 से 8 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट कर चुकी है. इससे आने वाले समय में लगभग हजारों लोगों को रोजगार मिल पाएगा बताया जाता है कि औद्योगिक क्षेत्र में पेप्सीको, अमूल, इस्कॉन, बालाजी वेफर्स, सुधाकर पाइप्स, आर्शीवाद पाइप्स, यशोदा लीलैंड, कर्नाटक बायोटिक, सनबायोटिक, रेलस्स, एमडीएच, रिच फूड ने अपने प्लांट डालना शुरू कर दिए हैं जबकि उज्जैन संभाग में अड़ानी ग्रुप सीमेंट की फैक्ट्री भी डालने वाला है.