लोकसभा चुनाव के नतीजे इस बार बीजेपी के लिए यूपी में अच्छे नहीं रहे. फिर भी सीएम योगी अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर कायम हैं. कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट लगवाने के फैसले पर विवाद अब भी जारी है. वैसे सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. अब योगी सरकार ने लव जिहाद पर नजर टेढ़ी कर दी है.यूपी में अवैध धर्मांतरण पर सरकार ने और कड़ी सजा करने का फैसला किया है. इन अपराधों में पहली बार आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है.

योगी सरकार ने विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया. इसमें पहले से परिभाषित अपराधों में सजा दोगुनी कर दी गई है. कुछ अन्य अपराधों में आजीवन जेल की सजा का प्रावधान है. 2017 के विधानसभा चुनाव में योगी सरकार ने ‘लव जिहाद’ को चुनावी मुद्दा बनाया था.

अपराध का दायरा और सजा दोनों बढ़ाने का प्रस्ताव

इसे रोकने के लिए साल 2020 में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश पास किया था. 2021 में इसे विधानमंडल से पास कराकर कानूनी जामा पहनाया गया. इस कानून के तहत तब अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार तक जुर्माना था. प्रस्तावित विधेयक में अपराध का दायरा और सजा दोनों बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है.

अवैध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इस कानून के दायरे में लाया गया है. इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग भी शामिल है. अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, या उस पर हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए साजिश करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा.

अब कोई भी पुलिस को दे सकेगा अपराध की सूचना

पीड़ित के इलाज के खर्च के बदले कोर्ट जुर्माना तय कर सकेगी. सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की सामाजिक स्थिति, दलित- पिछड़े समुदाय से होने के आधार पर भी अपराध की सजा तय होगी. अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा और जुर्माना बढाने की जरूरत है. इसलिए, यह विधेयक लाया जा रहा है.

कानून में एक और बदलाव किया गया है. इसमें घटना की सूचना देने वालों का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव है. पहले पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई-बहन या फिर कोई रिश्तेदार अपराध की सूचना दे सकता था. अब कोई भी व्यक्ति लिखित तौर पर इसकी सूचना पुलिस को दे सकेगा. उस पर जांच की जा सकेगी. कानून के तहत सभी अपराध गैर-जमानतीय बना दिए गए हैं. इसकी सुनवाई सेशन कोर्ट से नीचे नहीं होगी. लोक अभियोजक को अवसर दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा.

अपराध पहले जेल, जुर्माना अब जेल, जुर्माना
धोखे, कपट, बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने, शादी करने पर 1-5 साल जेल, 15 हजार 3-10 साल, 25 हजार
नाबालिग, महिला SC/ST संग अपराध पर 2-10 साल, 25 हजार 5-14 साल, 1 लाख
अवैध ढंग से सामूहिक धर्मपरिवर्तन कराने पर 3-10 साल, 50 हजार 7-14 साल, 1 लाख