इंदौर। बारिश शुरू होते ही प्राकृतिक स्थलों की खूबसूरती और भी निखर जाती है। हरियाली की चादर ओढ़े वादियों में पसरी शांति को कलकल बहती नदियों और झरने का शोर तोड़ता है तो पत्तों को छूकर गुजरती हवा आनंद और भी बढ़ा देती है। इंदौर शहर के आसपास ऐसे कई प्राकृतिक स्थल हैं जहां हर कोई जाना चाहता है और जाता भी है। प्राकृतिक सुंदरता से आच्छादित पहाड़ियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। शहर की भागमभाग जिंदगी के बीच वीकेंड में हजारों पर्यटक इन रमणीय स्थलों तक पहुंचते और मौज-मस्ती में लग जाते हैं।
मौज-मस्ती के चक्कर में सतर्कता ताक पर रख देते हैं
शहर के आसपास कुछ पर्यटन स्थल तो ऐसे हैं, जहां हर साल कई हादसे होते हैं। वन विभाग, पुलिस और स्थानीय प्रशासन सुरक्षा इंतजाम करता है। इसके बावजूद पर्यटन मौज-मस्ती के चक्कर में सतर्कता को ताक पर रख देते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।
यदि इन स्थानों पर सैर-सपाटे के साथ थोड़ी सावधानी बरती जाए तो खुशियों के बैंक का बैलेंस सवाया किया जाना कोई बड़ी बात नहीं। जुलाई से दिसंबर तक इन पिकनिक स्पॉट पर हर शनिवार-रविवार को हजारों सैलानी आते हैं।
सेल्फी के चक्कर में झरने के मुंहाने पहुंचे जाते हैं
पातालपानी झरने के मुंहाने पर पर्यटक सेल्फी के चक्कर में पहुंच जाते हैं। पैर फिसलने और अचानक पानी बढ़ने से सीधे खाई में गिरने का डर बना रहता है। 2011 में भी कुछ लोग पानी के तेज बहाव के चलते खाई में गिर गए थे। हादसे में सभी की मौत हो गई थी।
चार साल पहले भी एक युवती सेल्फी के चक्कर में झरने के मुंहाने से गिर गई थी। इंदौर-खंडवा रोड स्थित चोरल नदी प्रमुख पिकनिक स्पाट है। यहां वर्षा के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, जो बीच नदी में जाकर फोटोग्राफी करते हैं।
यहां कई लोग गंवा चुके हैं अपनी जान
नदी में अचानक पानी बढ़ने से पर्यटक बाहर नहीं निकल पाते हैं। यहां कई लोग इस तरह अपनी जान गंवा चुके हैं। मेहंदी कुंड और बामनिया कुंड में भी नहाने के लिए उतरे कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यहां 11 अप्रैल 2023 को ही नहाने गए कॉलेज छात्र की मौत हो गई थी।