बालाघाट। बालाघाट सहित पड़ोसी जिला सिवनी में बारिश का दौर जारी है। सिवनी में मानसून अत्यधिक मेहरबान होने से संजय सरोवर जलाशय (भीमगढ़ बांध) का जल संग्रहण क्षेत्र एक बार फिर लबालब हो गया है। छह दिन बाद शनिवार को तीसरी बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले गए हैं। इसके बाद बालाघाट जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।

इससे पहले दो बार भीमगढ़ बांध के गेट खोले जा चुके हैं, जिन्हें हालात सामान्य होने के बाद दोबारा बंद कर दिया गया था। कलेक्टर डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा ने वैनगंगा नदी क्षेत्र से संबंधित विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, खबर लिखे जाने तक नदी के किनारे में बसे गांवों में बाढ़ जैसे हालात नहीं बने हैं, लेकिन मौसम विभाग की जिले में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए बाढ़ के हालात बनने के आसार से इन्कार नहीं किया जा सकता।

अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश

हफ्तेभर पहले प्रशासन ने राहत कार्याें और रेस्क्यू आपरेशन के जरिए लोगों को मदद पहुंचाने का कार्य किया था। छह दिन बाद दोबारा ऐसे हालात बनने की संभावना को देखते हुए कलेक्टर ने एसडीईआरएफ, पटवारी, तहसीलदारों आदि को अलर्ट रहने और अपने-अपने क्षेत्र में स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।

20 हजार घन फीट प्रति सेकंड छोड़ा पानी

जानकारी के अनुसार, शनिवार को भीमगढ़ बांध के तीन गेट खोले गए हैं। दोपहर दो बजे खोले गए इन गेटों से 20 हजार घन फीट प्रति सेकंड पानी छोड़ा गया है। बताया गया कि पहले ये गेट शनिवार शाम छह बजे खोले जाने थे, लेकिन बांध में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गेट को समय से पहले खोल दिया गया। इसके बाद कम हो चुके वैनगंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी भी देखने मिली। बता दें कि हर साल बार‍िश के दिनों में भीमगढ़ बांध में जलस्तर बढ़ने से इनके गेट खोले जाते हैं, जिसका सीधा असर बालाघाट जिले से होकर बहने वाली वैनगंगा नदी के किनारे बसे दो सौ से अधिक गांवों पर पड़ता है।

इधर, आज भारी वर्षा की संभावना, बढ़ी चिंता

मौसम विभाग की भारी बार‍िश को लेकर जताई गई संभावना ने प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है। मौसम विभाग के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय से कृषि विज्ञान केंद्र को प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार, जिले में आज रविवार और 31 जुलाई बुधवार को अति भारी बार‍िश की संभावना है।

किसानों के लिए एडवाइजरी जारी

कृषि विभाग ने भारी बार‍िश को देखते हुए किसानों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए किसान को खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। बारिश और जमा पानी में खड़े होने से बचने, बिजली के हाइटेंशन तारों और टावर से दूर रहने कहा गया है। मवेशियों को खुले में चराते वक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

कब-कब खोले गए डेम के गेट

  • 22 जुलाई को पहली बार पांच गेट खोले गए।
  • 23 जुलाई को दो गेट खोले गए।
  • तब सातों गेट से 70 हजार घन फीट जल प्रति सेकंड छोड़ा गया था।
  • 27 जुलाई को फिर तीन गेट से 20 हजार घन फीट जल प्रति सेकंड छोड़ा गया
  • छह दिन पहले 79 परिवारों के 327 सदस्य हुए थे प्रभावित