मांडू। मानसून की सक्रियता से इन दिनों मांडू में प्रकृति ने अपना अद्भुत सौंदर्य बिखेर दिया है। यहां जमीन पर उतरे बादलों को देख सैलानी अभिभूत है। सैलानियों का कहना है कि वह मांडू नहीं, जन्नत की सैर कर रहे हैं। यहां के ऐतिहासिक महलों के साथ अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, ऊंचे पहाड़ों व गहरी खाइयों से उठती धुंध और बहते झरने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। रविवार को हजारों सैलानियों ने मांडू का भ्रमण किया।
मांडू और मानसून का गहरा नाता
दरअसल मांडू और मानसून का आपस में गहरा नाता है। वर्षा की बूंदें जैसे ही मांडू से टकराती है। यहां पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है। शनिवार को यहां मौसम का मिजाज देख पहले से ही हजारों सैलानी मौजूद थे। रविवार सुबह से लेकर शाम तक सैलानियों का आना-जाना लगा रहा।
मांडू में ये प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल
- रानी रूपमती महल, बाज बहादुर महल, जहाज महल
- हिंडोला महल, नीलकंठ महादेव मंदिर, प्रसिद्ध चतुर्भुज श्रीराम मंदिर
- डिनो डायनासोर फासिल्स पार्क, प्राचीन जैन तीर्थ, अशर्फी महल
- दाई का महल, ईको पॉइंट, जामी मस्जिद, होशंगशाह का मकबरा
- होमस्टे विलेज मालीपुरा, दरिया खां का महल, लोहानी गुफा,
- सोनगढ़ किला, प्राकृतिक स्थल काकड़ा खाेह
सैलानियों ने लिया भुट्टे और पकौड़े का आनंद
सैलानियों ने मांडू भ्रमण के साथ मौसम के अनुसार भुट्टो और भजिया (पकोड़े) का आनंद लिया। वही मांडू के पारंपरिक व्यंजन दाल, मक्का के पानिए और बाफले का भी मजा लिया।
मांडू ने ओढ़ी कोहरे की चादर
लगातार हो रही बारिश के चलते ऐतिहासिक महलों ने कोहरे की चादर ओढ़ ली है। ऐसे में महलों का सौंदर्य निखर गया है। मांडू के चारों ओर सैलानियों को बस धुंध ही धुंध नजर आ रही है। यहां पहुंचे सैलानियों ने मित्रों, परिवार के सदस्यों के साथ फोटोग्राफी की व रील बनाकर हाथों-हाथ इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया। रविवार को पहुंचे सैलानी बारिश से बचने के लाभ जतन करते दिखे।