नीति आयोग की बैठक में विकसित भारत को लेकर बने विजन डॉक्यूमेंट के कुछ अंश रखे गए. इसमें यह बताने का प्रयास किया गया है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए क्या जरूरी होना चाहिए और कैसे भारत इस ओर अग्रसर होगा. बैठक में पीएम मोदी ने गांवों से गरीबी खत्म करने का लक्ष्य तय करने का आह्वान किया है. पीएम का मानना है कि जिले विकास के वाहक बनें.
विकसित भारत क्या है, इसे परिभाषित करना जरूरी है. यह एक ऐसा भारत है जिसमें प्रति व्यक्ति आय के साथ एक विकसित देश के सभी गुण होंगे जो आज दुनिया के हाई इनकम वाले देशों के बराबर है. यह एक ऐसा भारत है जिसकी सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और संस्थागत विशेषताएं इसे एक समृद्ध विरासत के साथ एक विकसित राष्ट्र के रूप में चिह्नित करेंगी और जो ज्ञान की सीमाओं पर कार्य करने में सक्षम है.
भारत ने 2047 तक विकसित बनने का रखा है लक्ष्य
विश्व बैंक हाई इनकम वाले देशों को उन देशों के रूप में परिभाषित करता है जिनकी वार्षिक प्रति व्यक्ति आय 14005 अमेरिकी डॉलर (2023 में) से अधिक है. भारत में 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी तक हाई इनकम वाला देश बनने की क्षमता है और उसका लक्ष्य है.
हालांकि, एक विकसित राष्ट्र होने के नाते एक विकसित भारत को एक मौद्रिक विशेषता तक सीमित नहीं किया जा सकता है. इसे व्यक्तियों के लिए जीवन की अच्छी गुणवत्ता का संकेत देना होगा और एक ऐसे समाज को सक्षम बनाना होगा जो जीवंत, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण हो.
विकसित भारत की कुछ विशेषताएं इस प्रकार होंगी.
- विकसित भारत में, प्रत्येक नागरिक के पास होगा गुणवत्तापूर्ण आवास, 24×7 शुद्ध पेयजल और बिजली आपूर्ति, हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और बैंकिंग सुविधाओं सहित उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच.
- उच्च जीवन प्रत्याशा के साथ एक स्वस्थ जीवन और विश्व स्तरीय और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच.
- सार्वभौमिक साक्षरता और बहु-विषयक, जीवन भर सीखने के साथ सभी के लिए सार्थक शिक्षा और कौशल.
- पूर्ण रोजगार और समृद्ध आजीविका, वैश्विक कार्यबल का हिस्सा होना, और नौकरी और उद्यमशीलता के अवसरों वाले समाज में रहना.
- एआई सक्षम चिकित्सा, शिक्षा और कृषि जैसी उन्नत तकनीकों सहित सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल.
- सार्वजनिक परिवहन, डीपीआई और दूरसंचार सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा.
- विकसित भारत में देश एक अग्रणी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनें. वैश्विक आर्थिक विकास का चालक बनें, वैश्विक प्रतिभा, व्यापार और पूंजी का चुंबक बनें. इसके शहर और बाजार दुनिया के सबसे बड़े और शीर्ष व्यापारिक और वित्तीय केंद्रों में से एक होंगे.
- मैन्युफैक्चरिंग, सेवाओं, कृषि, अनुसंधान और विकास और इनोवेशन में भारतीय मूल के वैश्विक व्यापार चैंपियन हैं और भारतीय कंपनियां इनोवेशन, प्रौद्योगिकी और पैमाने की सीमाओं पर काम कर रही हैं.
- एक जीवंत ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो जिसमें ग्रामीण जीवन स्तर शहरी क्षेत्रों के बराबर हो. औसत ग्रामीण आय (कृषि और गैर-कृषि दोनों) देश की प्रति व्यक्ति आय के बराबर हो.
- दुनिया के लिए एक समावेशी और लोकतांत्रिक विकास रोल मॉडल बनें, वैश्विक मंचों पर एक प्रमुख सदस्य बनें और बातचीत और शांति के लिए उत्प्रेरक बनें.