आज कारगिल विजय दिवस को 25 साल पूरे हो गए हैं. पूरा देश वीर जवानों के साहस और बलिदान को याद कर रहा है. सूरवीरों के शौर्य और साहस से भरी अनगिनत कहानियां इंटरनेट पर तैर रही हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1999 में उधमपुर के सैन्य अस्पताल में जाकर घायल जवानों से मुलाकात की थी और उनका जोश बढ़ाया था, हालांकि तब वो किसी प्रशासनिक पद पर नहीं थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज द्रास का दौरा किया और कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर कारगिल युद्ध के दौरान घायल हुए मेजर जनरल (रिटा.) विजय जोशी पीएम के उस दौरे को याद कर रहे हैं जब उन्होंने बीजेपी महासचिव के तौर पर उधमपुर के सैन्य कमान अस्पताल में घायल जवानों से मुलाकात की थी.
‘मोदी शांत, संयमित और जोश से भरपूर थे’
मेजर जनरल विजय जोशी बताते हैं 1999 में घायल और युद्ध से थके हुए जवानों के साथ नरेंद्र मोदी की मुलाकात ने उनमें जोश भर दिया था. उत्तरी कमान का यह सबसे बड़ा अस्पताल, कारगिल युद्ध के दौरान बीमार और घायल सैनिकों की देखभाल करने में सबसे आगे था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दौरे को याद करते हुए वो कहते हैं कि, “स्थिति की गंभीरता के बावजूद, मोदी की मौजूदगी ने जवानों पर गहरा प्रभाव डाला था. उन्होंने हर एक से बातचीत की, उन्हें सहज बनाया और उनका मनोबल बढ़ाया. कई लोग हताहत हुए, कुछ गंभीर रूप से घायल हुए और कुछ सामान्य तौर पर जख्मी थे, लेकिन भाजपा महासचिव के तौर पर पहुंचे नरेंद्र मोदी ने हर एक जवान का हाल जाना. मोदी शांत, संयमित और जोश से भरपूर थे.”
‘मोदी में जवानों से जुड़ने की अद्भुत क्षमता’
(रिटा.) मेजर जनरल विजय जोशी ने बताया कि जिस तरह से नरेंद्र मोदी सैनिकों से बातचीत कर रहे थे, उनका हालचाल जान रहे थे वह उनकी लोगों से जुड़ने की क्षमता को दर्शाता है. जब उन्होंने जवानों के परिवारों, घरों और उनकी किसी भी तरह की ज़रूरत के बारे में पूछा तो वे सहज महसूस कर रहे थे. जोशी याद करते हैं कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में सभी को सहज रखने की मोदी की अनोखी क्षमता सबसे अलग थी. इसमें न केवल घायल जवान बल्कि अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल थे. उन्होंने सभी को उनकी ज़रूरत के अनुसार मदद का भरोसा दिया, जिससे सभी का मनोबल बढ़ा. प्रधानमंत्री मोदी के उस दौरे को याद करते हुए जोशी कहते हैं कि मोदी की मौजूदगी सच्ची देशभक्ति को दर्शाती है. देश के जवानों के लिए यह जानना कि हर परिस्थिति चाहे वह कितनी ही कठिन क्यों ना हो ऐसे में सरकार और लोग हमेशा उनके साथ हैं, यह जवानों को प्रेरित करता है.
तत्कालीन प्रधानमंत्री के साथ पहुंचे थे मोदी
1999 में कारगिल युद्ध के समय नरेंद्र मोदी किसी प्रशासनिक पद नहीं थे, वो तब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव थे. लेकिन युद्धभूमि की ज़मीनी हकीकत जानने के लिए वह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ वहां पहुंचे थे. इस यात्रा के दौरान उनकी दिलचस्पी युद्ध से जुड़ी हर जानकारी, जवानों और उनके परिवार का हाल-चाल जानने में थी. उनका उद्देश्य सैन्य ऑपरेशन की स्थिति के साथ-साथ जवानों को प्रभावित करने वाली स्थितियों को समझना भी था. उन्होंने बताया है कि 25 साल पहले जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने उधमपुर कमांड अस्पताल में घायल जवानों से मुलाकात की उनके दौरे ने उनमें जोश भर दिया.