हिंदू धर्म में, भगवान शिव के वाहन नंदी का भी बहुत महत्व माना जाता है. सभी शिव मंदिरों में प्रवेश करते ही, नंदी जी की मूर्ति, शिव की ओर मुख किए हुए मिलती है. नंदी को शिव का प्रिय गण माना जाता है, जो सदैव उनकी सेवा में तत्पर रहते हैं. मान्यता है कि नंदी जी, भगवान शिव के द्वारपाल के सेवक के रूप में भगवान शिव की सेवा करते हैं. ये भी मान्यता है कि नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहने से, वह सीधे भगवान शिव तक पहुंचती है.
भगवान शिव, नंदी के प्रति अत्यंत प्रेम रखते हैं और उनकी हर बात सुनते हैं. इसलिए, नंदी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. नंदी को लेकर मान्यता है कि भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था कि जो कोई भी मनुष्य उनके कान में अपनी मनोकामना कहेगा, उसकी मनोकामना भगवान शिव जरूर पूरी करेंगे. इस बात का वर्णन ग्रंथों में भी किया गया है.
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ज्यादातर समय ध्यान में लीन ही रहते थे. भगवान शिव के ध्यान में किसी भी तरह की बाधा न पड़े, इसके लिए उनके गण नंदी जी हमेशा भगवान शिव के पहरेदार बनकर उनकी सेवा किया करते थे. भगवान शिव की तपस्या के दौरान जो कोई भी उनसे मिलने आता था तब वो नंदी के कानों में धीरे से अपनी बात या मनोकामना बोलकर चला जाता था. भक्तों की नंदी जी के कान में बोली गई बात सीधे भगवान शिव तक पहुंच जाती थी और भगवान शिव उसे पूरा करते थे.
माना जाता है इसी कारण भक्तजन आज भी अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए नंदी जी के कान में अपनी मनोकामना बोलते हैं. लेकिन नंदी जी के कान में अपनी बात बोलने के भी कुछ नियम बताएं गए हैं. आइए जानते हैं कि नंदी के कान में मनोकामना कहने का सही तरीका क्या है.
नंदी के कान में मनोकामना कहने का सही तरीका और नियम
- सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. इसके बाद नंदी जी को जल, फूल और दूध अर्पित करें. अब धूप-दीप जलाकर नंदी की आरती उतारें.
- वैसे तो नंदी जी के किसी भी कान में मनोकामना बोली जा सकती है लेकिन बाएं कान में मनोकामना बोलने का का अधिक महत्व माना गया है.
- नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोलने से पहले “ॐ” शब्द का उच्चारण करें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना भगवान शिव तक जल्दी पहुंचती है.
- नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो कुछ भी आप नंदी जी के कान में बोलने जा रहे हैं, उसे कोई दूसरा व्यक्ति न सुन पाए. इसलिए अपनी मनोकामना को बहुत धीरे से लेकिन साफ उच्चारण में कहें.
- अपनी मनोकामना कहते समय अपने होंठों को अपने दोनों हाथों से छुपा लेना चाहिए, ताकि कोई भी दूसरा व्यक्ति आपको मनोकामना कहते हुए न देख सके.
- किसी को नुकसान पहुंचाने या गलत काम करने की इच्छा न रखें और नंदी के कान में कभी भी किसी दूसरे की बुराई न करें.
- मनोकामना बोलने के बाद, ‘नंदी महाराज हमारी मनोकामना पूरी करो’ जरूर बोलें. एक बार में एक ही मनोकामना कहें. लालच में आकर कई मनोकामनाएं एक ही समय में न कहें.