अमेरिका की संसद में इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने एक गुस्से वाला भाषण दिया. अपने पूर संबोधन के दौरान व ये साबित करने में लगे रहे कि गाजा में चल रहा युद्ध कितना जरूरी है. बेंजामिन नेतन्याहू ने अपना ये दौरा इजराइल को दी जाने वाली मदद को बढ़ाने की मांग को लेकर किया था. संबोधन के बाद 25 जुलाई को नेतन्याहू ने कमला हैरिस से मुलाकात की, मुलाकात के दौरान कमला ने गाजा की मानवीय स्थिति पर चिंता जताई है और युद्ध विराम का आग्रह किया.
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से आग्रह किया कि वे जल्द ही हमास के साथ युद्धविराम समझौता करें, ताकि 7 अक्टूबर को बंधक बनाए गए नागरिकों छुड़ाया जा सके. कमला ने नेतन्याहू के साथ बातचीत में कहा कि इजराइल के सुरक्षा की जरूरत के साथ-साथ गाजा में नागरिकों के नुकसान को अनदेखा नहीं किया जा सकता.
बाइडेन के समझौते को दोहराया
कमला हैरिस ने नेतन्याहू के सामने बाइडेन के महीनों पुराने युद्ध समझौते को दोहराते हुए, उसे अमल में लाने की सलाह दी है. कमला ने कहा, “गाजा में क्रूर युद्ध का अंत करना अब जरूरी है, जहां 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.” कमला का ये बयान तब आया जब एक दिन पहले ही नेतन्याहू ने अपने संबोधन में हमास के खिलाफ “पूर्ण विजय” की कसम खाई थी और हमास के खात्मे तक जंग जारी रखने की बात कही थी.
कमला की रणनीति
हैरिस ने साफ किया कि गाजा में इजराइल का युद्ध सिर्फ किसी एक पक्ष के समर्थन को लेकर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि असलियत बहुत अलग होती है और अक्सर बातचीत द्विपक्षीय की जाती है. साथ ही उन्होंने अक्टूबर के हमास के हमले की भी निंदा की है. बाइडेन के पीस प्लान को दोहराने से कमला चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत कर रही हैं.
अगर बाइडेन के प्लान पर समझौता होता है, तो ये डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ा झटका होगा. क्योंकि ट्रंप ने कई बार जंग के लंबे खिचने पर बाइडेन की कमजोर रणनीति को जिम्मेदार ठहराया है. जिसकी वजह से मध्य पूर्व और यूक्रेन में जंग नहीं रुक रही है.
कमला हैरिस को नागरिकों की फिक्र
उप राष्ट्रपति कमला पहले कई बार इजराइल के हमलों का ‘राइट टू डिफेंस’ के नाम पर बचाव करती आई हैं. अब जब वे राष्ट्रपति की दावेदारी पेश करने के लिए आगे बढ़ रही है और अमेरिका में प्रो फिलिस्तीनी प्रदर्शन बढ़ गए हैं. तब कमला ने कहा है, “गाजा में पिछले नौ महीनों में जो कुछ हुआ है वह विनाशकारी है. बच्चों की मौत और जान बचाने के लिए भाग रहे लोगों की तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं. हम इस संकट से अपनी नजरें नहीं मोड़ सकते, हम जुल्म के प्रति असंवेदनशील नहीं हो सकते और मैं चुप नहीं रहूंगी.”
कमला ने नेतन्याहू की यात्रा के दौरान प्रदर्शन करने वाले में उन लोगों की निंदा भी की जिन्होंने हिंसा सहारा लिया.