राजस्थान में पेपर लीक की गूंज फिर से सुनाई देने लगी है. किरोड़ी लाल मीणा के एसओजी दफ्तर जाने के एक दिन बाद ही सचिन पायलट ने भी पेपर लीक में कार्रवाई को लेकर बड़ा बयान दिया है. राजधानी जयपुर में एनएसयूआई के एक कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने कहा, पेपर लीक पर सरकार सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रही है, सरकार बड़े मुर्गों को पकड़ने से पीछे हट रही है.
सचिन पायलट के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज है कि आखिर वो बड़ा मुर्गा कौन है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए किरोड़ी लाल मीणा के बाद पायलट सरकार पर दबाव बना रहे हैं?
किरोड़ी ने SOG को सौंपे 6 लोगों के नाम
राजस्थान सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को पेपर लीक से जुड़े 6 नाम सौंपे थे. दफ्तर से निकलने के बाद किरोड़ी ने पत्रकारों से कहा- मैंने 6 बड़े नाम एसओजी को सौंप दिए हैं. अगर इन लोगों को नहीं पकड़ा गया तो मैं धरना दूंगा.
किरोड़ी ने आगे कहा कि नाम अभी नहीं बताऊंगा, लेकिन राजस्थान परीक्षा बोर्ड के चेयरमैन ने ही पूरे सिस्टम को कबाड़ किया था. राजस्थान में पेपर लीक मामले की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ही कर रही है.
अब पायलट का इशारा किस तरफ है?
किरोड़ी लाल मीणा के नाम सौंपे जाने के एक दिन बाद पायलट ने बड़े मुर्गों को पकड़ने की मांग की है. पायलट ने कहा है कि पेपर लीक हो कैसे जाता है और इसके पीछे के लोगों के बारे में पता क्यों नहीं चलता है? अभी नीट का पेपर लीक हो गया. इससे पहले कई और पेपर लीक हुआ है. यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. हमें पेपर लीक के चेहरे को सामने लाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा.
पायलट मई 2023 में अपने ही सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को लेकर पदयात्रा निकाल चुके हैं. उस वक्त अशोक गहलोत सरकार की काफी किरकिरी हुई थी.
गहलोत सरकार पर बीजेपी ने संगठित तरीके से पेपर लीक कराने के आरोप लगाए थे. अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने हाल ही में खुलासा किया था कि गहलोत ने सरकार में रहने के दौरान पेपर लीक के आरोपियों को बचाने का काम किया था.
शर्मा के मुताबिक राजस्थान में जब रीट का पेपर आउट हुआ तो उस वक्त माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जरोली की भूमिका सामने आई थी, लेकिन गहलोत उन्हें बचाने में जुट गए.
राजस्थान में पेपर लीक के मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी रडार पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में उनके कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुका है. राजस्थान में जब पेपर लीक की घटनाएं हुई थी, उस वक्त डोटासरा शिक्षा मंत्री थे.
विधानसभा में हाल ही में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने डोटासरा के जेल जाने की भविष्यवाणी की थी. इस पर डोटासरा विफर पड़े थे. डोटासरा ने दिलावर को चैलेज देते हुए कहा था कि अगर सबूत है, तो गिरफ्तार कर लेना.
पेपर लीक में अब तक 38 की गिरफ्तारी
राजस्थान में शिक्षक भर्ती के पेपर लीक में अब तक 38 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. यह गिरफ्तारी और प्रवर्तन निदेशालय और एसओजी की अलग-अलग कार्रवाई में हुई है. रीट पेपर लीक मामले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी जयपुर के जिला समन्यवक प्रदीप पराशर की हुई है. पराशर पर आरोप है कि उसने एग्जाम से कुछ घंटे पहले सीलबंद पेपर को लीक किया था. यह पेपर लीक साल 2021 में हुआ था.
पेपर लीक मामले में सरकार ने शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष समेत 3 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था. भारतीय जनता पार्टी के मुताबिक कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में सब इंस्पेक्टर भर्ती, सीएचओ भर्ती, लाइब्रेरियन भर्ती और वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था.