कटनी। एमपी के कटनी में झमाझम हो रही बारिश के कारण शहर समेत कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कटनी नदी के उफान में आने से शहर के सभी घाट लबालब हो गए। गाटरघाट में आवागमन के लिए बनाए पुल से सिर्फ डेढ़ फीट पानी नीचे बचा था और पानी लगाता बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते नगर निगम ने अमला तैनात किया है।
नदी के किनारे न जाने की मुनादी भी कराई जा रही
पुल से आवागमन बंद कर बेरीकेट लगा दिए गए हैं और नगर निगम के कर्मचारियों काे तैनात करने के साथ ही नदी के किनारे न जाने की मुनादी भी कराई जा रही है। इसके अलावा कटनी नदी के किनारे की बस्तियों में पानी भरने की आशंका को लेकर लोगों को अलर्ट रहने काे कहा गया है और पानी बढ़ने की स्थिति में सूचना देने की मुनादी कराई गई है।
बेलकुंड, दतला व मोरी नदी में पानी बढ़ने से परेशानी
तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। ढीमरखेड़ा समेत बेलकुंड, दतला व मोरी नदी में पानी बढ़ने से परेशानी बढ़ गई है। सिमरिया, खिरवा, पौड़ी खुर्द, छोटा कछारगांव, पिपरिया शुक्ल, बनहरी, सिलौड़ी, ढीमरखेड़ा गांवोंं को प्रशासन ने खाली करा लिए हैं।
अब तक 17 सौ लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया
क्षेत्र के गांवों से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद से 17 सौ लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। दूसरी ओर लगातार हुई वर्षा के कारण कटनी नदी का जलस्तर भी रात को तेजी से बढ़ा और शहर के घाट डूब गए। रात को वर्षा का क्रम धीमा होने के कारण नदियों का जलस्तर भी कम होना शुरू हो गया।
बस्ती से पानी उतरा, कच्चे घरों की दीवारों का ढहना शुरू
गुरुवार की सुबह तक बस्ती से पानी उतरने के साथ ही कच्चे घरों की दीवारों का ढहना शुरू हो गया है। छोटा कछारगांव, घुघरा सहित अन्य गांवों में कई लोगों के मकान ढह गए हैं, हालांकि यहां से लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने का काम जिला प्रशासन ने कर दिया। गांव से पानी उतर गया लेकिन पुल-पुलियों की स्थिति वैसी ही बनी रही।
तीन फीट से अधिक पानी पुल पर होने से आवागमन बंद
उमरियापान से ढीमरखेड़ा के बीच घुघरी गांव के पास गर्राघाट में तीन फीट से अधिक पानी पुल पर होने के कारण आवागमन शुरू नहीं हो पाया। उमरियापान थाना प्रभारी सिद्धार्थ राय यहां पर एनडीआरएफ की टीम के साथ मौजूद रहे और जरूरतमंदों को घुघरी गांव से नाव के सहारे दूसरी ओर उतारा गया। जिसमें बीमार, वृद्ध आदि शामिल थे।
आधे घंटे बाद फिर से रिमझिम का दौर शुरू हो गया
सुबह एक बार वर्षा तेज होना शुरू हो गई लेकिन आधे घंटे बाद फिर से रिमझिम का दौर शुरू हो गया। वहीं उमरियापान से सिहोरा मार्ग बंद रहा तो उमरियापान से स्लीमनाबाद मार्ग से आवागमन शुरू हो गया। मोरी नदी का जलस्तर भी नीचे आने से ढीमरखेड़ा बस्ती में भरा पानी खाली हो गया। ढीमरखेड़ा से विलायतकला मार्ग से आवागमन शुरू हो गया था।