हिन्दू धर्म में भगवान शिव को औढरदानी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों की पूजा से जल्द प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामना को जल्द ही पूरा कर देते हैं. भगवान शिव की भक्ति करने पर लोगों को करियर, कारोबार और निजी जीवन में हर सुख और सफलता प्राप्त होती है. इसके अलावा महादेव की कृपा से घर में भी सुख-समृद्धि बनी रहती है.
शिव पुराण के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सावन के महीने में शिवलिंग की महिमा गान करने वाले लिंगाष्टकम् मंत्र को किसी शिवालय में जाकर शिवलिंग पर बेलपत्र या शमीपत्र चढ़ाते हुए करता है तो उसे महादेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि लिंगाष्टकम् स्तोत्र का जाप करने पर जीवन में चमत्कारिक बदलाव देखने को मिलते हैं.
इस मंत्र से दूर होंगे सारे दोष
भगवान शिव की पूजा में उनकी कृपा बरसाने वाले लिंगाष्टकं मंत्र के बारे में मान्यता है कि श्रावण मास में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ प्रतिदिन क माला जप किया जाए तो व्यक्ति के आठ प्रकार के दोष दूर होते हैं और उस पर हमेशा भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है.
अष्टदलोपरिवेष्टित लिंगं, सर्वसमुद्भवकारण लिंगं।
अष्टदरिद्रविनाशित लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं।।
मुश्किलों से उबारने वाला मंत्र
जीवन में कई बार इंसान कुछ ऐसी समस्याओं में फंस जाता है कि लाख कोशिशों के बाद भी वह उसमें से निकल नहीं पाता है. यदि आपको भी लगता है कि आप किसी बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं और आपकी समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही हैं तो मुश्किलों के भंवर से निकलने के लिए आपको श्रावण में विशेष रूप से लिंगाष्टकं का पाठ करते हुए शिवलिंग पर धीरे-धीरे जल चढ़ाना चाहिए. मान्यता है कि शिव पूजा के इस उपाय को करने से शिव भक्त के सभी कष्ट दूर और कामनाएं पूरी हो जाती हैं.
लिंगाष्टकम के पाठ का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की पूजा में लिंगाष्टकम् का पाठ करने से साधक को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शुभता और सफलता प्राप्त होती है. लिंगाष्टकं के पाठ से उसके जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है. महादेव का यह मंत्र जीवन से जुड़े आठ प्रकार के दुख और दारिद्रय को दूर करता है और भगवान भोलेनाथ अपने भक्त को विद्या, बुद्धि, सुख-संपदा, ऐश्वर्य, मान-सम्मान और मोक्ष प्रदान करता है.