पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक खेल का सबसे बड़ा आयोजन होने वाला है, जो कि फ्रांस में हो रहा है. इस ओलंपिक खेल का आयोजन 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक होगा. जहां लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी ज्यादा वायरल हो रहा है, जिसमें पेरिस ओलंपिक में खून की नदियां बहाने की बात की जा रही है.
सोशल मीडिया पर कपड़े से मुंह ढके एक व्यक्ति का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो कि अपने आप को हमास का फाइटर बता रहा है, उसने वीडियो में 26 जुलाई से आयोजित होने वाले पेरिस ओलंपिक को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस पेरिस ओलंपिक में खून की नदियां बहेंगी, जहां इजराइल भी भाग लेने वाला है. उसने केफियेह से अपना चेहरा ढका हुआ था, केफियेह का इस्तेमाल ज्यादातर मिडिल ईस्ट के व्यक्ति करते हैं.
फिलिस्तीनियों की मौत की चुकानी पड़ेगी कीमत
उस व्यक्ति ने अरबी भाषा में ये एक मिनट का वीडियो जारी किया है. उसने फ्रांस के लोगों और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को संबोधित करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ अपने क्रिमिनल वॉर में जायोनी शासन का समर्थन करने के लिए यह धमकी दी है. खुद को हमास का आतंकी बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि जायोनीवादियों ने हमारे भाइयों, बहनों और बच्चों की हत्या की जिसमें तुमने उन्हें हथियार मुहैया कराकर उन लोगों की मदद की और तुमने उन जायोनीवादियों को ओलंपिक में भी बुलाया है, इन सभी की तुम्हें कीमत चुकानी पड़ेगी. हालांकि हमास के अधिकारी इज्जत अल-रिशेक ने टेलीग्राम पर वीडियो को फर्जी बताते हुए प्रमाणित करने से इंकार किया है और इसे जालसाजी का नाम बताया है.
रूस से जुड़े दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है ये वीडियो
यह वीडियो सोशल मीडिया हैंडल एक्स और टेलीग्राम पर सर्कुलेट हो रहा है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्चर्स ने इस वीडियो की जांच के बाद बताया कि यह वीडियो रूस से जुड़े दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है, जो कि आयोजित होने वाले इस आयोजन को रोकना चाहता है. माइक्रोसॉफ्ट के थ्रेट एनालिसिस सेंटर क एक्सपर्ट ने कहा कि वीडियो की जांच की और बताया कि यह वीडियो यूक्रेन से संबंधित पिछले वीडियो से मिलता-जुलता है, इस वीडियो का रूसी दुष्प्रचार समूह से जुड़े होने की आशंका है. एक्सपर्ट ने इस वीडियो को फेक बताया है.
पहले भी फिलिस्तीनी आंतकियों ने किया है ओलंपिक में हमला
ओलंपिक में पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं, जिसमें साल 1972 के सितंबर में हो रहे म्यूनिख खेलों के दौरान, फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह ब्लैक सेप्टेंबर के सदस्यों ने हमला किया था जिसमें उन्होंने 11 इजराइली एथलीटों और कोचों की हत्या कर दी थी, इसके अलावा, 1996 के अटलांटा खेलों के दौरान, एक बम विस्फोट में एक महिला की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. हालांकि जहां तक इस वीडियो के जारी होने के बाद से होने वाले इस ओलंपिक में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. फ्रांस सरकार ने आयोजन के हर दिन 35 हजार पुलिस अधिकारियों को तैनात करने की योजना बनाई है और उद्घाटन समारोह के लिए अधिकारियों की संख्या बढ़ाकर 45 हजार कर दी गई है.