मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में मध्य प्रदेश के लिए भी विकास का पिटारा खुला है. इसमें महाकाल की नगरी उज्जैन के लिए बड़ी सौगात मिली है. धार के पीतमपुर में बनने वाले लॉजिस्टिक पार्क और प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत इंदौर, जबलपुर, सागर और ग्वालियर में 6 रिंग रोड बनाए जाने के लिए बजट की घोषणा की गई है. साथ ही प्रदेश के महानगरों और शहरों के लिए रोड विकास राशि का प्रावधान भी किया गया है.

बाबा महाकाल की नगरी में अब विकास के पंख लगेंगे. बजट में उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं और शहर को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए यहां के रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे बनाने की घोषणा की गई है. रोप-वे बनते ही रेलवे स्टेशन से बाबा महाकाल के दरबार तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को मात्र 7 मिनट लगा करेंगे.

1.762 किमी लंबा होगा रोप-वे

उज्जैन रेलवे स्टेशन से बाबा महाकाल मंदिर तक रोप-वे प्रोजेक्ट 1.762 किमी लंबा होगा. इसके निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान है. यह रोप-वे 13 टॉवरों पर बनाया जाएगा. रेलवे स्टेशन से बाबा महाकाल मंदिर तक के बीच में 3 स्टेशन भी बनाए जाएंगे. 1 किमी से अधिक लंबे इस रोप-वे को मोनो केबल डिटेचेबल गोंडोला तकनीक से बनाया जाएगा. इसके बनने से श्रद्धालुओं के साथ उज्जैन के लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी.

लॉजिस्टिक पार्क से मिलेगा औधोगिक क्षेत्रों को बढ़ावा

मध्य प्रदेश का पहला मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क धार जिले के पीथमपुर के पास बनाया जाएगा. इसके लिए बजट में 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इस पार्क की आधारशिला साल 2023 में 2 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी. इस अत्याधुनिक लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण 255.17 एकड़ क्षेत्र में तीन चरणों में किया जाएगा. इस पार्क के बनने से युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होने की उम्मीद है. मध्य प्रदेश में नए लॉजिस्टिक्स पार्क से विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 10 हजार नौकरियां मिलने का अनुमान है. यह लॉजिस्टिक पार्क उज्जैन, धार, देवास, बड़वानी, खंडवा और पीथमपुर के मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा देगा.

प्रदेश के 5 शहरों में बनेंगे 6 रिंग रोड़

मध्य प्रदेश के पांच शहरों में 6 रिंग रोड बनाए जाएंगे. इन शहरों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर और ग्वालियर शामिल हैं. इनका निर्माण इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए मिले बजट की राशि से किया जाएगा. बजट में प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए करीब 10 हजार करोड़ रुपयों की घोषणा की गई है. इस प्रोजेक्ट में प्रदेश के लिए केंद्र सरकार 5 साल में 29 हजार 710 करोड़ रु. खर्च करेगी. इनमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और लोक निर्माण विभाग(PWD) के प्रोजेक्ट शामिल हैं.