आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर नौकरी पेशा को राहत देने की कोशिश की है, तो युवाओं और महिलाओं के लिए भी कई अहम ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री ने एजुकेशन लोन का 3 प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा उठाने की घोषणा की है, तो मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने का ऐलान कर दिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. बजट में हर वर्ग को सहूलियत देने का प्रयास किया गया है. बजट की शुरुआत में वित्त मंत्री ने गरीब, महिला, युवा एवं अन्नदाता पर फोकस होने की बात कही थी. बजट में ये नजर भी आया. खास तौर से युवाओं, महिलाओं और नौकरीपेशा लोगों को सीधे लाभ देने का प्रयास किया गया है. आइए समझते हैं कैसे?
बजट में युवाओं के लिए क्या?
- ऐसे युवा जिन्होंने किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है, उन्हें देश के किसी भी संस्थान में प्रवेश के लिए एजुकेशन लोन मिलेगा. इसका 3 प्रतिशत पैसा सरकार देगी. इसके लिए सरकार ई वाउचर्स की व्यवस्था करेगी जो हर साल तकरीबन एक लाख छात्रों को दिए जाएंगे.
- स्वरोजगार के लिए युवा अब 20 लाख रुपये तक मुद्रा लोन ले सकेंगे. अब तक यह सीमा 10 लाख रुपये तक ही थी.
- पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में रहने वाले 1 करोड़ युवाओं को देश की 500 टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप भी कराई जाएगी. इन्हें हर माह 5000 रुपये भत्ता और 6000 रुपये सहायता भी दी जाएगी.
- 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है.
- 1000 आईटीआई को हब और स्पोक व्यवस्था के परिणाम के साथ हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा.
- मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा, ताकि सरकारी प्रवर्तित निधि से गारंटी के साथ ₹7.5 लाख तक ऋण की सुविधा दी जा सके.
महिलाओं और लड़कियों के लिए क्या?
- बजट में महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा. इससे महिलाओं से संबंधित योजनाओं को और सशक्त बनाया जाएगा.
- बजट में महिलाओं का कार्यबल बढ़ाने पर फोकस किया गया है. इसके लिए वित्त मंत्री ने इसके लिए अलग से प्रयास करने की घोषणा की है.
- उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला हॉस्टलों का निर्माण का ऐलान किया जाएगा. इसके अलावा शिशु होम भी बनाए जाएंगे.
नौकरीपेशा के लिए ये ऐलान
- बजट में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को ईपीएफओ में रजिस्टर्ड होने पर 15 हजार रुपये की मदद तीन किस्तों में मिलेगी. ये लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनकी सैलरी 1 लाख रुपये प्रतिमाह से कम है.
- पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं और उनके नियोक्ताओं को पहले चार वर्ष तक ईपीएफओ के अंशदान के अनुसार प्रत्यक्ष प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा.
- बजट में नई टैक्स रिजीम में भी बदलाव किया गया है. बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर अब 75 हजार कर दिया गया है. नई कर व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. 3 से 7 लाख रुपये तक 5 फीसदी कर की व्यवस्था की गई है. 10 से 12 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा सैलरी पर 30 फीसदी कर लिया जाएगा.