बजट में रक्षा क्षेत्र को और मजबूत किया गया है. इसमें डिफेंस के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 3.4 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए 5.93 लाख करोड़ का प्रावधान किया था. कुल बजट के हिसाब से देखें तो सरकार ने सबसे ज्यादा हिस्सा रक्षा क्षेत्र के लिए रखा है जो कि तकरीबन 12.9 प्रतिशत है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट प्रस्तुत किया. इस बजट में गरीब, महिला, युवा एवं अन्नदाता पर फोकस के साथ सबसे ज्यादा फोकस रक्षा बजट पर किया गया. यूनियन बजट की वेबसाइट के मुताबिक सरकार ने डिफेंस के लिए 6 लाख 21हजार 940 करोड़ रुपये रखे हैं. इस बजट से डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाएगा.
रक्षा बजट के 4 पार्ट, जानिए कहां कितना प्रावधान
रक्षा बजट को 4 भागों में बांटा गया है, इनमें पहला पार्ट है सिविल का, दूसरा हिस्सा है रेवेन्यू, तीसरा कैपिटल एक्सपैंडीचर और चौथा पेंशन. इसमें सिविल से बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन, ट्रिब्यूनल समेत सड़क व अन्य डेवलपमेंट के काम होते हैं, इसके लिए 25 हजार 963 करोड़ रुपये रखे गए हैं. रेवेन्यू बजट से रक्षा क्षेत्र में सैलरी बांटी जाती है. इसके लिए 2 लाख 82 हजार 772 करोड़ रुपये रखे गए हैं. इसके अलावा कैपिटल एक्सपैंडीचर से हथियार और अन्य जरूरी उपकरण खरीदे जाते हैं, जिसके लिए बजट में 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं. तीसरा और सबसे जरूरी हिस्सा होता है पेंशन, इसके लिए बजट में 1लाख 41 हजार 205 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
कैसे मजबूत होंगी हमारी सेनाएं ?
किसी भी देश की सेना की सबसे बड़ी ताकत उसके हथियार, फाइटर प्लेन और गोला बारूद होते हैं. रक्षा बजट में हथियार और उपकरण खरीदने के लिए सरकार ने 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इस पैसे से एयरक्राफ्ट और एयरोइंजन उपकरण खरीदे जाएंगे. इसके अलावा हैवी और मीडियम व्हीकल, अन्य हथियार और गोला बारूद खरीदे जाएंगे. इसके अलावा अन्य तकनीकी उपकरणों से भी सेना को सुसज्जित किए जाने की योजना है. सेना के लिए स्पेशल रेलवे वैगन खरीदे जाएंगे. वी के लिए भी सरकार इस बजट से एयरक्राफ्ट और अन्य उपकरण खरीदेगी. इसके अलावा नेवल फ्लीट को मजबूत किया जाएगा और अन्य नेवल डॉकयार्ड प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे. एयरफोर्स के लिए भी एयरक्राफ्ट, हैवी व्हीकल और अन्य उपकरण खरीदे जाने की योजना है.
आत्मनिर्भर बनेगी सेना
डिफेंस बजट में सेना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई प्रावधान हैं. इनमें तीनों सेनाओं के लिए हथियारों और उपकरणों के निर्माण के लिए कई परियोजनाओं की तैयारी की गई है. इसके अलावा सार्वजनिक उद्यमों में भी निवेश के लिए सरकार तैयार है. इससे पहले अंतरिम बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि डिफेंस सेक्टर के लिए डीप टेक टेक्नोलॉजी मजबूत की जाएगी. इसका मकसद हथियारों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके अलावा रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में रिसर्च भी की जाएगी.
रक्षा मंत्री ने जताया वित्त मंत्री का आभार
बजट पेश होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय को उच्चतम आवंटन 12.9 प्रतिशत देने के लिए वित्त मंत्री का आभार. राजनाथ सिंह ने यह भी लिखा है कि मुझे खुशी है कि सीमा सड़कों को पूंजीगत मद के तहत पिछले बजट की तुलना में आवंटन में 30% की वृद्धि दी गई है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को और गति देगा. रक्षा उद्योगों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए, स्टार्टअप्स, एमएसएमई और इनोवेटर्स द्वारा दिए गए तकनीकी समाधानों को वित्तपोषित करने के लिए iDEX योजना के लिए 518 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.