इंदौर। इंदौर में सोमवार को जुपिटर विशेष अस्पताल से एयरपोर्ट तक 57वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इंदौर के 22 वर्षीय आयुष पंजाबी के फेफड़े चेन्नई में चार्डर प्लेन से पहुंचाए गए। जो वहां के अपोलो अस्पताल में भर्ती 73 वर्षीय महिला को नया जीवन देंगे। वहीं लिवर अस्पताल में ही भर्ती 58 वर्षीय पुरुष को ट्रांसप्लांट किया गया। यह प्रक्रिया रात एक बजे तक चली। इसके अलावा नेत्र शंकर आई बैंक एवं त्वचा चोइथराम स्किन बैंक में दान की गई।
इंदौर के पागनीस पागा निवासी 22 वर्षीय आयुष पंजाबी को 18 जुलाई को सीवियर ब्रेन हेमरेज के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने रविवार शाम 7.50 बजे और सोमवार सुबह 6.29 बजे ब्रेन डेड घोषित किया।
चार लोगो ने दिया नया जीवन
आयुष के अंगों ने चार लोगों को नया जीवन दिया है। शाम 7.20 बजे एयरपोर्ट के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया व एंबुलेंस को एयरपोर्ट तक पहुंचने में 18 मिनट लगे। यहां चार्टर प्लेन से दोपहर 3:30 बजे पहुंच गया था।
मुस्कान ग्रुप के जीतू बगानी व संदीपन आर्य ने बताया कि आयुष के पिता और उनके परिवार ने अंगों को दान करने का निर्णय लिया था। मरीज को क्रोनिक किडनी रोग व ब्रेन हेमरेज सहित कई बीमारियां थीं।
पिछले डेढ़ साल से किडनी की परेशानी थी
अस्पताल से जब आयुष के फेफड़े एयरपोर्ट लेकर जा रहे थे तो माता-पिता अपने आंसू रोक नहीं पाए। उन्होंने हाथ जोड़कर अपने बेटे के अंगों को विदा किया। पिता ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से उसे किडनी की परेशानी थी।
उच्च रक्तचाप के कारण आयुष स्वयं गुर्दा रोगी भी थे। इस कारण उनका हाथ और हाथ दान नहीं किया जा सका। पेनक्रियाज एवं छोटी आंत के लिए पूरे भारत से किसी भी इंस्टीट्यूट की एप्रोच नहीं हुई थी।
दो लोब ही आएंगे उपयोग में
अधिकारियों के मुताबिक डोनर के फेफड़े भी आंशिक रूप से प्रभावित हुए थे। महिला को नया जीवन देने के लिए फेफड़ों के दो लोबों का उपयोग करेंगे।