उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने वाले सामान की बिक्री करने वाली दुकानों और ठेलों पर मालिकों की नेम प्लेट वाला विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद इस मामले में यूपी के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा है कि राज्य सरकार अब भी अपने स्टैंड पर कायम है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर पाबंदी है. अब प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री करने वालों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.
नेम प्लेट विवाद में उत्तर प्रदेश सरकार अपने स्टैंड पर अड़ी हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों, ठेलों, ढाबों और होटलों पर संचालकों और मालिकों के नाम लिखे जाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहुंचा तो इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी. विपक्ष ने भी इस फैसले पर जमकर निशाना साधा था. अब एक बार फिर से यूपी सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने इस फैसले पर बयान दिया है.
सरकार अपने स्टैंड पर कायम: मंत्री
प्रयागराज में यूपी सरकार के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने मीडिया से बात करते हुए नेम प्लेट विवाद पर कहा है कि सरकार अपने स्टैंड पर कायम है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. वहीं उन्होंने हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने साफ कहा है कि जल्द इन लोगों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर छापा मारा जाएगा और बिक्री करते पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हलाल प्रमाणित उत्पादन बेचने वालों पर होगी कार्रवाई
मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा है कि प्रदेश में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर पाबंदी है. जो ये प्रतिबंधित उत्पाद बेचते हैं, अब ऐसे लोगों के खिलाफ भी सघन अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना है कि ऐसे उत्पात बेचना गैर कानूनी है और इनके पीछे की मंशा भी गलत है. उन्होंने कहा है कि सरकार की मंशा है कि सर्टिफाइड उत्पाद बेचे जाने पर पूरी तरह से रोक लगे.