बिहार में पुल गिरने का सिलसिला जारी है. अररिया, सिवान के बाद अब मोतीहारी में पुल गिर गया है. मोतीहारी के घोड़ासहन में निर्माणाधीन पुल गिरा है. इस पुल पर अभी काम चल रहा था. यह पुल करीब डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा था. इस पुल की ढलाई हो चुकी थी. ये पुल अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क पर बन रहा था. अररिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी पर बना पुल 18 जून को गिरा था. सिवान में 22 जून को गंडक नहर पर पुल गिरा था.
इस पुल को बनाने के लिए लगभग 40 फीट का एरिया बताया जा रहा है. लोगों के मुताबिक, पुल को बनाने के लिए रात के अंधेरे में पुल की ढलाई की जा रही थी. रात करीब 12 बजे पुल ध्वस्त हो गया. गांववालों का आरोप है कि सीमेंट और बालू का सही मिलान नहीं होने और ढलाई के लिए लगाए गए सेंट्रिंग के पाइप का कमजोर होने के कारण पुल ध्वस्त हुआ है.
मोटरसाइकिल से आए युवक ने हिलाया पुल का पाया
राज्य में लगातार पुल गिरने से कई सवाल लोगों के मन में आ रहे हैं, कि आखिर पुल के निर्माण का दिखावा किया जा रहा है या पुल वाकई में लोगों की सुविधाओं के लिए बनाया जा रहा है. क्योंकि एक के बाद एक पुल का गिरना कोई आम बात नहीं है. इसके पहले अररिया और सिवान में भी हाल ही में दो पुल गिरे हैं. राहत वाली बात ये है कि जिस समय पुल गिरने की घटनाएं हुईं, उस पुल पर कोई मौजूद नहीं था. इससे किसी तरह के बड़े हादसे की खबर सामने नहीं आई.
गांववालों का आरोप है कि पुल को बनाने में लापरवाही की गई, जिसके कारण यह गिर गया, वहीं इस पुल को बनाने वाली कंपनी के मुंशी ने कहा है कि मोटरसाइकिल से एक युवक आया और एक पाया हिलाया, जिस कारण पुल ध्वस्त हो गया है. पुल के बनने से लोगों के बीच उम्मीद थी कि जल्द ही उन्हें आने-जाने में सुविधा मिलेगी, लेकिन अब उस आस पर कुछ और समय के लिए पानी फिर गया.