उत्तर प्रदेश के बरेली में आज सुबह साढ़े छह बजे प्लॉट पर कब्जे लेकर टाइल्स व्यापारी और बिल्डर पक्ष के बीच गोलीबारी हुई. यही नहीं, एक घंटे तक यहां गोलीबारी के अलावा आगजनी और पथराव भी देखने को मिला. इस हिंसा से राहगीर भी डर गए. उन्होंने जैसे तैसे पेड़ों के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई. आसपास के लोगों ने तो जान बचाने के लिए अपने घर के दरवाजे तक बंद कर दिए. यह हिंसा किसी थ्रिलर मूवी की तरह थी. दोनों पक्ष कभी कार तो कभी डिवाइडर की आड़ से फायरिंग करते रहे.
1 घंटे तक यह बवाल चला. जेसीबी तक में आग लगा दी गई. लेकिन पुलिस की हिम्मत नहीं पड़ी कि हिंसा को रोक सकें. वो बस मूकबधिर बनकर तमाशा देखती रही. हिंसा के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे को कुचलने की भी कोशिश की. हिंसा की कहानी घटना से एक रात पहले रची गई. ग्रामीण क्षेत्र से नामी बदमाशों को 22 जून के दिन इज्जतनगर बुलाया गया. पूरी रात मुर्गा दारू की पार्टी हुई. उसके अगले दिन फिर हिंसा को अंजाम दिया गया.
इस हिंसा की चिंगारी लखनऊ तक गूंजी. उसके बाद शासन ने पूरे मामले का संज्ञान लिया. मामले में बरेली के एसएसपी ने थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. क्योंकि पता चला कि हिंसा में उनकी मिलीभगत भी शामिल है. इसके बाद पुलिस ने हिंसा करने वाले बदमाशों के खिलाफ एक्शन लिया. कलापुर नहर में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में एक बदमाश को गोली लगीय. ललित सक्सेना नामक बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बदमाश ललित सक्सेना पर पूर्व में 12 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उसका इलाज फिलहाल जिला अस्पताल में चल रहा है. मामले में दोनों पक्षों के कुल 11 लोग गिरफ्तार हुए हैं.
जानिए हिंसा का कारण क्या था?
बरेली के थाना इज्जत नगर क्षेत्र में पीलीभीत बाईपास पर कई करोड़ रुपयों के प्लॉट पर कब्जे के लिए शनिवार सुबह 6:30 बजे बिल्डर के गुर्गों ने फायरिंग और पथराव किया. इतना ही नहीं उन्होंने टाइल्स व्यापारी की दुकान में रखे मार्बल भी तोड़ दिए. यह दुकान एक बड़े व्यवसाय की है. बदमाश जी जेसीबी से यहां प्लॉट पर कब्जा लेने आए थे. टाइल्स व्यापारी ने भी फिर अपने गुट को बुला लिया. दूसरे पक्ष के लोगों ने फिर बिल्डर की जेसीबी में आग लगा दी. दोनों तरफ से जमकर फायरिंग और तोड़फोड़ होने लगी.
1 घंटे तक 100 राउंड फायरिंग
करीब 1 घंटे तक गोलियां चलीं और 100 राउंड फायर किए गए. सुबह-सुबह हिंसा को देखकर राहगीर भी अपनी जान को बड़ी मुश्किल से बचा पाए और पेड़ों में छुप-छुप कर उन्होंने अपनी जान को बचाया. आसपास के लोगों ने भी घरों के दरवाजे बंद कर अपनी जान को बचाया. हिंसा ने इतना विकराल रूप लिया कि दोनों ने गुटों ने कारों से एक दूसरे को कुचलने की कोशिश की. इसमें कुछ बदमाश घायल हुए हैं. उनका फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने दोनों पक्षों के 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मार्बल व्यापारी और उसका बेटा भी शामिल है. बाकी बदमाशों की तलाश जारी है.
किनके खिलाफ मामला दर्ज?
हमला करवाने वाला बिल्डर राजीव राणा पीलीभीत बाईपास पर ही रहता है. उसकी प्रॉपर्टी का बड़ा काम है. इससे पहले भी उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए हैं. वह भाजपा के पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल का करीबी है. पुलिस अब उसकी हिस्ट्री निकाल रही है. फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. उसकी तलाश की जा रही है. पूरे मामले में राजीव राणा के करीबी पूर्व भाजपा विधायक राजेश मिश्रा और पप्पू भरतौल का भी एफआईआर में नाम दर्ज किया गया है.