महाकुंभ के पलट प्रवाह से धार्मिक नगरी वाराणसी जाम से बेहाल है. वाहनों के भीषण जाम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने दूसरे जिलों और राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर 12 फरवरी तक रोक लगा दी है. यूपी-65 को छोड़कर अन्य किसी भी नंबर प्लेट वाले वाहन को शहर में प्रवेश नही करने दिया जा रहे हैं. व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यापारिक गतिविधियों में लगी गाड़ियां रात 12 से तड़के 4 बजे तक विशेश्वर गंज मंडी और पहड़िया मंडी तक ट्रकों और गाड़ियों को जाने दिया जा रहा है.

दूसरे जिलों और राज्यों से सामान लेकर आने वाले लोडेड ट्रकों को कागजी कार्रवाई पूरी कर जाने दिया जा रहा है. प्रयागराज से वाराणसी की तरफ आने वाली अन्य जिलों और राज्यों की गाड़ियां मोहन सराय और जगतपुर में रोकी जा रही हैं. यहां पार्किंग की व्यवस्था की गई है. रिंग रोड से बाबतपुर से आने वाली गाड़ियों को हरहुआ में रोकी जा रहा है. जबकि हाईवे से आने वाली गाड़ियां डाफी बाई पास पर बने पार्किंग में खड़ी हो रही हैं.

ऑटो और ई-रिक्शा से पहुंच रहे लोग

निजी वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं का पार्किंग स्थल से ऑटो और ई रिक्शा के जरिए शहर में प्रवेश हो रहा है. प्रयागराज से वाराणसी रूट पर बुरी तरह से जाम लगा हुआ है. कई कई घंटे लोग जाम में फंसे हुए हैं. मिर्जामुराद से मोहनसराय तक लगे लंबे जाम की वजह से लोग हाईवे के किनारे ही गाड़ियों में सो जा रहे हैं. तीन घंटे का सफर 12 घंटे में लोग पूरा कर रहे हैं.

कैंट रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़

वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर स्थिति ये है कि कुंभ स्पेशल ट्रेनों में पैर रखने तक को जगह नही है. सड़क मार्ग पर भारी जाम की स्थिति की वजह से सारा दबाव अब रेलवे स्टेशन पर पड़ रहा है. प्रतिदिन तीन लाख यात्रियों की आवाजही इस समय वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से हो रही है. बिहार और बंगाल से आने वाली ट्रेनों के दरवाजे अंदर से बंद किए जा रहे हैं. आरपीएफ को दरवाजे खुलवाने में खासा मशक्कत करना पड़ रहा है.