मध्यप्रदेश के नीमच जिले में बीते एक वर्ष में ढ़ाई करोड़ से अधिक की ठगी हुई। यह ठगी ऑनलाइन नहीं बल्कि ऑफ लाइन ही हुई। गिरोह में ज्यादातर लोग अनपढ़ ही निकले, जो अपना नाम जैसे-तैसे ही लिख पाते हैं। ठगी का तरीका ऐसा है कि साइबर ठग भी इनके सामने फेल है, पहले तो ये जमीन के दस्तावेज हासिल करते हैं, इसके बाद फर्जी आधारकार्ड तैयार करते, जमीन के मालिक की जगह आधारकार्ड में नकली व्यक्ति का फोटो चस्पा लगा देते हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि जमीन की रजिस्ट्री भी करवा देते हैं, जब खरीददार जमीन पर पहुंचता है तो उसकी पैरों तले जमीन खिसक जाती है, क्योंकि असली मालिक बताता है कि उसने जमीन बेची ही नहीं। नीमच जिले में एक साल में ऐसी चार वारदातें सामने आई हैं। इनमें से तीन वारदातों में मास्टरमाइंड शैलेंद्र उर्फ पप्पू बैरागी निवासी पिपलोन नीमच का रहा है। हाल ही में नीमच सिटी पुलिस ने 56 लाख से अधिक की धोखाधड़ी (ठगी) हुई। जिसमें बदमाशों ने 22 बीघा जमीन, नकली जमीन का मालिक खड़ा कर रजिस्ट्रॉर आफिस में रजिस्ट्री करवा दी।

ये है जमीन से जुड़ी हुई बड़ी ठगी

1. शिवनारायण की सरवानिया बोर गांव में 22 बीघा जमीन है। बदमाशों ने उक्त जमीन संजय अग्रवाल को बेच दी। शिवनारायण की जगह नकली व्यक्ति खड़ा कर 56 लाख रूपए हड़प लिए। पुलिस ने एक महिला से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

2. अगस्त 2024 में मानसिंह पिता अमरसिंह राजपूत निवासी ग्राम लेवड़ा की खसरा नंबर 04 रकबा 1.69 हेक्टेयर भूमि को फर्जी मानसिंह खड़ा कर 30 लाख 37 हजार में बेच दिया। इसमें राहुल चौधरी, स्टांप वेंडर राम सिंह चौहान और नोटरीकर्ता मनोहरलाल जायसवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

3. 10 हजार रूपए देकर खड़ा किया नकली व्यक्ति को पुलिस ने मदनलाल नायक बरूखेड़ा की जमीन भी फर्जी तरीके से 50 लाख रूपए में बेच दी। पुलिस पूछताछ में पता चला कि 10 हजार रूपए में मदनलाल की जगह शांतिलाल नामक व्यक्ति को रजिस्ट्रॉर कार्यालय में खड़ा किया। कुल 7 लोग इस मामले में गिरफ्तार हुए।