अमेरिका से डिपोर्ट हुए पंजाबी युवकों के अपनी पूरी जिंदगी के साथ-साथ परिवार के सपने भी चूर-चूर हो गए हैं जिन्होंने अपनी जमा पूंजी या जमीन गिरवी रख अपने बच्चों को विदेश में सेटल होने के सपने देखे थे। अमेरिका से डिपोर्ट हुए युवकों के लिए यह बहुत ही बुरा सपना बन कर रह गया है।
ऐसे में होशियारपुर के सुखपाल सिंह यह बात करते हुए दर्द छलक उठा जब उसने कहा कि अमेरिका जाने के लिए 45 लाख रुपए दिए थे। ट्रैवल एजेंटों ने दुबई, तुर्की, मेकिस्को होते हुए अमेरिका पहुंचाया जहां उसके साथ धोखा हुआ। सुखपाल सिंह ने बताया कि एजेंटों ने उन्हें भूखे-प्यासे मरने के लिए छोड़ दिया। उन्हें गंदी जगहों पर रखा गया। कई बार तो भूख इतनी लगी कि उन्हें घास खाकर पेट को शांत करना पड़ा। कई दिनों तक उन्होंने स्नेक्स खाकर गुजारा करना पड़ा। उनके पास सोने के लिए भी जगह नहीं थी।
वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ लिया और उन्हें अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में कई दिनों खाने को नहीं दिया गया। इसी बीच अधिकारियों ने उन्हें डिपोर्ट कर भारत वापस भेज दिया। जहां उसने परिवार को अच्छे दिन दिखाने के सपने संजोए थे वहीं मानसिक परेशानी उसे घेर रही है। भविष्य अन्य युवा ऐसी परिस्थितियों का शिकार न हो इसके लिए उसने सरकार से अपील की है कि जो विशेष टीम गठित की गई है वह पूरे मामले की जांच कर एजैंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।