दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले हंगामा बरपा हुआ है. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी उसके नेताओं को तोड़ने के लिए 15-15 रुपये ऑफर कर रही है. साथ ही मंत्री पद देने की भी बात कह रही है. इस मामले में एलजी के आदेश पर एसीबी ने जांच शुरू कर दी है. शुक्रवार को एसीबी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करने पहुंची. एसीबी के पास शिकायत करने पहुंचे पार्टी सांसद संजय सिंह से भी सवाल किए गए. सूत्रों का कहना है कि संजय सिंह ने जांच में सहयोग नहीं किया. आम आदमी पार्टी के दावे के मुताबिक, जिन 16 उम्मीदवारों को कॉल आया, उनमें संजय ने केवल मुकेश अहलावत का नाम बताया, अन्य किसी का भी नहीं.
एसीबी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि संजय सिंह से पूछा गया कि पहले 7 उम्मीदवारों को पैसे का लालच देने की बात कही गई फिर 16 उम्मीदवार बताए गए. बयान क्यों बदले गए? कुल कितने उम्मीदवारों को पैसे का लालच देकर पार्टी छोड़ने को कहा गया? इसका भी संजय सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया.
मैं संसद में था तभी साथियों से सूचना मिली
संजय सिंह ने लिखित शिकायत दी है. इसमें उन्होंने कहा, 6 फरवरी की दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर जब मैं संसद में था, उस वक्त मुझे अपने साथियों से सूचना मिली कि मौजूदा विधायको और पार्टी प्रत्याशियों से बीजेपी के नेता संपर्क कर रहे हैं और करोड़ों रुपये की रिश्वत व मंत्री पद का लालच देकर बीजेपी में शामिल होने के लिए कह रहे हैं.
साल 2013 में तत्कालीन बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष शेर सिंह डागर ने हमारे विधायक को करोड़ो रुपये देकर खरीदने की कोशिश की थी. मैंने, पूरा मामला सुनकर पार्टी ऑफिस जाने का फैसला किया. इसी बीच मुझे पता चला कि दिल्ली सरकार में मंत्री मुकेश अहलावत के पास दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर फोन आया. फोन करने वाले ने मंत्री से कहा कि उनकी सरकार बन रही है, मंत्री बना देंगे और 15 करोड़ भी देंगे.
मुझे 6 अन्य विधायको ने भी बताया
संजय ने अपनी शिकायत में आगे कहा, इसको लेकर मुकेश अहलावत ने एक पोस्ट भी किया है. मुझे 6 अन्य विधायको ने भी बताया कि उनको भी ऐसा ही ऑफर दिया गया है. आज 7 फरवरी को करीब 11 बजे संसद पहुंचा. उसके बाद पार्टी विधायको की बैठक में आया और वहां पहुंचने पर मुझे अन्य विधायकों ने भी प्रलोभन देकर बीजेपी जॉइन करने का ऑफर मिलने की बात बताई.