मध्य प्रदेश के इंदौर की जिला अदालत ने एक नाबालिग से रेप के आरोपी को तीन बार फांसी की सजा सुनाई है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे जघन्यतम बताया. कहा कि रेप के बाद यदि पीड़िता जिंदा बच जाती है तो उसकी जिंदगी मौत से भी बदतर हो जाती है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपी को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसे आदमी को समाज में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
मामला इंदौर के हीरानगर का है. पिछले साल 27 फरवरी को यहां रहने वाली एक नाबालिक बच्ची के साथ मंगल नामक आरोपी ने रेप किया था. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया और आरोपी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. मामले की सुनवाई जिला अदालत में हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अब अपना फैसला सुनाया है. लोक अभियोजक संजय मीणा के मुताबिक कोर्ट ने आरोपी को इतनी सख्त सजा देकर नजीर कायम किया है.
घर के बाहर से उठाकर किया था रेप
केस डायरी के मुताबिक पिछले साल 27 फरवरी को हीरानगर क्षेत्र में रहने वाली छह साल की बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. इसी दौरान मोहल्ले में ही रहने वाला 22 वर्षीय आरोपी मंगल पवार आया और इसी बच्ची को उठाकर ले गया. आरोपी ने सुनसान जगह पर ले जाकर इस बच्ची के साथ रेप किया. इधर, बच्ची को घर के बाहर ना देख परिवार के लोग उसकी तलाश में निकले और थोड़ी ही देर में आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया. हालांकि उस समय आरोपी धक्का देकर भागने में सफल हो गया, लेकिन बाद में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया.
मौत से भी बदतर पीड़िता की जिंदगी
पुलिस ने कोर्ट में आरोपी को पेश करते हुए मजबूत चार्जशीट तैयार की.इसी चार्जशीट पर मुहर लगाते हुए कोर्ट ने आरोपी को तिहरी फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि यदि कोई पीड़िता बलात्कार के बाद जीवित बच जाती है तो उसकी जिंदगी मृत्यु से भी कष्टदायक हो जाती है. उसे जीवन भर इस पीड़ा से जूझना होता है. अब चूंकि पीड़ित बच्ची महज 6 साल की है. इसकी वजह से उसे काफी दर्द और पीड़ा सहन करना पड़ा. इस मामले में आरोपी को मिली तिहरी फांसी की सजा भी कम है.