इंदौर में ध्वनि प्रदूषण करने वालों की अब खैर नहीं है, इसे लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. शादी, बारात, शोभा यात्रा, जुलूस और अन्य आयोजनों में अत्यधिक शोर करने वाले लाउड स्पीकर, डीजे और बैंड पर अब कड़ी पाबंदी लगाई गई है.जारी आदेश के अनुसार अब इन ध्वनि उपकरणों का उपयोग अब बिना अनुमति के नहीं किया जा सकेगा. इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है.

इस आदेश के तहत, अब कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के लाउड स्पीकर, डीजे, बैंड, प्रेशर हॉर्न और अन्य शोर करने वाले उपकरणों का उपयोग नहीं कर सकेगा. इन उपकरणों को बजाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी. अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति इन उपकरणों का उपयोग करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इसके अलावा, आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी आयोजक को अधिकतम दो डीजे और लाउड स्पीकर की अनुमति दी जाएगी. यह आदेश 5 अप्रैल तक लागू रहेगा.

रात 10 बजे के बाद बंद रहेगा शोर

कलेक्टर ने सुप्रीम कोर्ट और जबलपुर हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के शोर करने वाले उपकरणों का उपयोग नहीं किया जाएगा. यह नियम सभी प्रकार के सार्वजनिक और निजी आयोजनों पर लागू होगा.

स्वास्थ्य पर प्रभाव

लाउड स्पीकर, डीजे और बैंड से होने वाला शोर न केवल सार्वजनिक शांति को बिगाड़ता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. अत्यधिक शोर से मनुष्य की काम करने की क्षमता, आराम, नींद और बातचीत में बाधा उत्पन्न होती है.

85 डेसीबल से अधिक शोर सुनने से बहरापन और श्रवण दोष हो सकता है, जबकि 90 डेसीबल से अधिक शोर कान के आंतरिक हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है. इस निर्णय के बाद, इंदौर में शोर से होने वाली समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी और जनता को शांति से जीने का मौका मिलेगा.