अमेरिका से भारत डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों पंजाब पुलिस ने रिसीव किया. अमेरिकी सेना का विमान सी-17 बुधवार को अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड किया. भेजे गए सभी के हाथों में हथकड़ी लगी थी और जंजीरों से बांधकर भेजा गया था. अमेरिका का आरोप है कि ये सभी भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे. यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के पदभार संभालने के बाद देश के प्रवासियों पर पहली कार्रवाई थी.
अमेरिका से भेजे गए पंजाब और हरियाणा के लोगों को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस वाहनों में उनके घर भेजा गया. भारत भेजे गए लोगों में पंजाब के गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के रहने वाले 36 वर्षीय जसपाल सिंह भी शामिल थे. अपने गृह नगर पहुंचने के बाद, जसपाल सिंह ने कहा, “हमें हथकड़ी और पैरों में जंजीरें डाल कर बांध दिया गया था और इन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर खोला गया.”
कड़ी सुरक्षा के बीच भेजे गए लोग
जसपाल सिंह ने बताया कि पहले तो उन्हें पता ही नहीं था कि उन्हें भारत ले जाया जा रहा है. उन्होंने कहा, “हमें लगा कि हमें दूसरे कैंप में ले जाया जा रहा है. फिर एक पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि हमें भारत ले जाया जा रहा है. हमें हथकड़ी लगाई गई और हमारे पैरों में जंजीरें बंधी थीं. अमृतसर एयरपोर्ट पर हमे 40 घंटों के बाद खोला गया. इस दौरान वॉशरूम जाने में भी उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ा. वहीं कुछ खाने में भी बहुत मुश्किल हो रही थी.”
ट्रैवल एजेंट ने दिया धोखा
जसपाल ने दावा किया कि उन्हें एक ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया, जिसने उन्हें अमेरिका में कानूनी प्रवेश का वादा किया था उन्होंने कहा, “मैंने एजेंट से कहा था कि मुझे उचित अमेरिकी वीजा मिलने के बाद भेज दे, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया. एजेंट के साथ सौदा 30 लाख रुपये में तय हुआ था.” जसपाल ने बताया कि वह पिछले साल जुलाई में हवाई जहाज से ब्राजील पहुंचे थे. एजेंट ने उनसे वादा किया था कि अमेरिका भी वो हवाई यात्रा से जाएंगे, लेकिन उसने धोखा दिया और उन्हें अवैध तरीके से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया.
जाने के लिए बड़ी रकम की गई थी खर्च
जसपाल ने बताया कि ब्राजील में छह महीने रहने के बाद, वह सीमा पार करके अमेरिका चले गए, लेकिन अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जसपाल ने कहा कि उसे वहां 11 दिनों तक हिरासत में रखा गया और फिर वापस घर भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि विदेश जाने के लिए एक बड़ी रकम खर्च की गई थी. पैसा उधार लिया गया था, लेकिन उनके अब सारे सपने चकनाचूर हो गए हैं. उन्होंने कहा, “ये सरकार के मुद्दे हैं. जब हम काम के लिए विदेश जाते हैं, तो हम अपने परिवारों के बेहतर भविष्य के लिए बड़े सपने देखते हैं.”