केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपना आठवां बजट पेश करते हुए मखाने का भी जिक्र किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो दुनियाभर में 90 फीसदी मखाने का उत्पादन भारत करता है. वहीं, केवल 80 फीसदी मखाना सिर्फ बिहार ही उत्पादन करता है. वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की बात भी कही है. सरकार मखाने के उत्पादन पर जोर देने की कोशिश कर रही है.और व्यापारियों को फायदा होगा.
आपको बता दें कि बिहार के 10 जिलों में मखाने की खेती की जाती है. बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में मखाना उगाया जाता है. यहां से आने वाले मखानों को GI Tag भी दिया गया है.
कैसे उगता है मखाना
आपको बता दें कि मखाना कमल के पौधे का हिस्सा होता है. ये कमल के फूल का बीज होता है, जिसे प्रोसेस किया जाता है. प्रोसेस करके मखाना तैयार किया जाता है. इसके बीज को दिसंबर के महीने में तालाब या गड्ढे में बोए जाते हैं. बीज को बोने से पहले तालाब की सफाई करनी जरूरी होती है.
इसके बीज बोने के दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि इनके बीच की दूरी ज्यादा न हो. 30 दिनों के अंदर यह देखा जाता है कि बीज में अंकुर आ रहा है कि नहीं.
साफ की जाती है गंदगी
इन्हें इकट्ठा करने का काम आसान नहीं होता है. इन्हें गोता लगाकार या बांस के जरिए पानी से निकाला जाता है. इसके बाद इन्हें बड़े-बड़े बर्तनों में रखकर लगातार हिलाया जाता है. ऐसा करके मखाने के ऊपर लगी गंदगी साफ हो जाती है. इसके बाद इन्हें पानी से धोया जाता है. अब साफ हो चुके बीज को बैग्स में भरकर सिलेंड्रिकल कंटेनर में इन्हें भरा जाता है.
इस कंटेनर को काफी देर तक जमीन पर रोल किया जाता है, जिससे बीज स्मूद बन जाएं। इसके बाद इन बीजों को अगले दिन के लिए तैयार किया जाता है. इसके बाद बीज को अगले दिन कम से कम 3 घंटे के लिए सुखाया जाता है.
फ्राई करते होता है तैयार
जब मखाने अच्छी तरह से सूख जाते हैं, तो उन्हें फ्राई किया जाता है. एक तय समय तक इस पूरे प्रोसेस को करना होता है. इन्हें फ्राई करने के बाद बांस के कंटेनर में स्टोर किया जाता है, जिसे खास कपड़े से ढका जाता है. तापमान को सही रखने के लिए उसपर गोबर का लेप लगाया जाता है. कुछ घंटे के बाद फिर से इन्हें फ्राई किया जाता है और यही प्रोसेस फॉलो किया जाता है. एक बार बीज फट गया तो उसमें से सफेद मखाना निकलता है.
बेहद फायदेमंद है मखाना
मखाने को हर उम्र के लोग खा सकते हैं. ये लाइट स्नैक्स के तौर पर भी जाना जाता है. इसे खाने से मोटापा, डायबिटीज, हाई बीपी और दिल की बीमारियों में फायदा होता है.