भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रसन्नता का विषय है कि सिंहस्थ-2028 में साधु-संत पवित्र क्षिप्रा नदी के जल से ही स्नान करेंगे। शिप्रा नदी के जल की पवित्रता बनाए रखने के लिए एक बड़ा प्रकल्प शुरू हुआ है। सेवरखेडी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि पूजन होगा। इसका उद्देश्य शिप्रा को प्रवाहमान बनाना है। इससे पूरे प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूती मिलेगी।

डॉ यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रीसी.आर. पाटिल 614 करोड़ 53 लाख रूपए की लागत से निर्मित होने वाली सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमिपूजन उज्जैन में करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुण्य सलिला क्षिप्रा के जल से सिंहस्थ में स्नान की व्यवस्था की दिशा में ठोस कदम उठाया है। परियोजना के क्रियान्वयन से क्षिप्रा नदी निर्मल और निरंतर प्रवहमान होगी इससे सभी त्यौहार-पर्वों पर हमारा यह प्रमुख तीर्थ वर्षभर जीवंत रहेगा। उन्होंने बताया कि क्षिप्रा नदी में जल की मात्रा सीमित रहती है, इसीलिए 1980, 1992 और 2004 में हुए सिंहस्थ में गंभीर नदी से जल की व्यवस्था की गई और वर्ष 2016 में नर्मदा नदी के जल से स्नान कराया गया।