महाकुंभ मेला 2025 देश के सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक है. जिसकी शुरुआत सोमवार से हो चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार 4 मिलियन से अधिक लोगों ने संगम तट पर पहली डुबकी लगाई. इस कुंभ मेले में सिर्फ देश के ही नहीं बल्कि दुनियाभर से भारतीय और विदेशी ‘पवित्र डुबकी’लगाने के लिए आते हैं. ऐसा माना जाता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने से आत्मा की शुद्धी के साथ मोक्ष भी प्राप्त होता है. लेकिन विषय दूसरा है. वो ये कि कुंभ मेले के दौरान शेयर बाजार क्यों डूब जाता है. ये बात यूं ही नहीं कही जा रही है. बीते 20 साल के दौरान जितने भी कुंभ मेले का आयोजन हुआ. उस दौरान सेंसेक्स की हालत काफी खराब देखने को मिली. आइए आपको भी आंकड़ों से समझाने की कोशिश करते हैं…
कुंभ मेले के दौरान सेंसेक्स में गिरावट
सैमको सिक्योरिटीज ने महाकुंभ मेला अवधि के दौरान भारतीय शेयर बाजार के व्यवहार का एक दिलचस्प उदाहरण सामने रखा है. सैमको सिक्योरिटीज में मार्केट पर्सपेक्टिव्स और रिसर्च के प्रमुख अपूर्व शेठ ने पिछले 20 वर्षों के दौरान बाजार के प्रदर्शन का विश्लेषण किया है, जिसमें छह मौकों पर कुंभ मेला मनाया गया था. रिपोर्ट से पता चलता है कि इन सभी छह मौकों के दौरान बीएसई के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स का रिटर्न कुंभ मेले की शुरुआत से लेकर समाप्ति तक नेगेटिव देखने को मिला है. कुंभ मेले के 52 दिनों के दौरान सेंसेक्स में 3.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
कब कितनी गिरावट
सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट साल 2015 के कुंभ मेले के दौरान देखने को मिली थी. तब जुलाई 2015 से सितंबर 2015 के दौरान बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स 8.3 फीसदी गिर गया था. दूसरी सबसे बड़ी गिरावट अप्रैल 2021 के कुंभ काल में दर्ज की गई, जब सेंसेक्स 4.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. वहीं सबसे कम गिरावट की बात करें तो साल 2010 में कुंभ मेले के दौरान सेंसेक्स 1.2 फीसदी टूटा था. साल 2013 के कुंभ मेले के दौरान 1.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. अप्रैल 2016 कुंभ मेले के दौरान 2.4 फीसदी टूटा था. इसका मतलब है कि बीते 20 साल में कुंभ मेले के दौरान ऐसा कोई मौका नहीं देखने को मिला जब सेंसेक्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिया हो.
महाकुंभ के दौरान सेंसेक्स का प्रदर्शन
कुंभ मेला स्टार्ट डेट | कुंभ मेला एंड डेट | सेंसेक्स का रिटर्न (फीसदी में) |
05 अप्रैल 2004 | 04 मई 2004 | -3.3 |
14 जनवरी 2010 | 28 अप्रैल 2010 | -1.2 |
14 जनवरी 2013 | 11 मार्च 2013 | -1.3 |
14 जुलाई 2015 | 28 सितंबर 2015 | -8.3 |
22 अप्रैल 2016 | 23 मई 2016 | -2.4 |
01 अप्रैल 2021 | 19 अप्रैल 2021 | -4.2 |
6 महीने बाद पॉजिटिव रिटर्न
इसके अलावा, सैमको सिक्योरिटीज के अपूर्व शेठ ने बताया कि कैसे कुंभ मेले के बाद छह महीनों में सेंसेक्स ने 6 में से 5 मौके पर पॉजिटिव रिटर्न दिया. कुंभ मेले के बाद छह महीने की अवधि में औसत रिटर्न 8 फीसदी देखने को मिला था. यह सबसे बड़ी रैली 2021 कुंभ मेले के बाद देखी गई. तब सेंसेक्स लगभग 29 फीसदी बढ़ गया था. वहीं साल 2010 की अवधि में सेंसेक्स में 16.8 फीसदी की अच्छी बढ़त देखने को मिली थी. हालांकि, बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स ने 2015 के कुंभ अवधि के बाद 2.5 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया था.
महाकुंभ के बाद सेंसेक्स का प्रदर्शन
कुंभ मेले के 6 महीने बाद | सेंसेक्स का रिटर्न (फीसदी में) |
2004 | 1 |
2010 | 16.8 |
2013 | 1.8 |
2015 | -2.5 |
2016 | 2.1 |
2021 | 28.8 |
हो सकते हैं कई कारण
जानकारों का मानना है कि कुंभ अवधि के दौरान और उसके बाद बाजार के इस अजीबोगरीब व्यवहार के पीछे कई कारण हो सकते हैं. कुंभ मेले के दौरान ऐतिहासिक खराब प्रदर्शन को देखते हुए निवेशक ज्यादा सतर्क रणनीति अपना सकते हैं. अगर बात सोमवार की करें तो सेंसेक्स में एक फीसदी से ज्यादा यानी 800 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. सेंसेक्स मौजूदा समय में 76,677.06 अंकों पर पर कारोबार कर रहा है. अगर हिस्टोरिकल डाटा को देखें तो सेंसेक्स में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.