लुधियाना : लुधियाना के हलका वैस्ट से आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी की मौत के बाद पंजाब में एक और विधानसभा उपचुनाव की चर्चा छिड़ गई है। यहां बताना उचित होगा कि कोई भी लोकसभा या विधानसभा की सीट खाली होने के बाद 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना जरूरी है। अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी के मौजूदा कार्यकाल की बात करें तो अब तक संगरूर व जालंधर में लोकसभा के अलावा जालंधर वैस्ट, चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक व गिद्दड़बाहा में लोकसभा उपचुनाव हो चुके हैं।

इनमें से जालंधर लोकसभा उपचुनाव कांग्रेस के सांसद संतोख चौधरी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की मौजूदगी में मौत होने के बाद हुए थे। अब यह नौबत लुधियाना के हलका वैस्ट में आ गई है जहां से आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी की शुक्रवार देर रात को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने की वजह से मौत हो गई है जिसके बाद उनकी चिता ठंडी होने से पहले ही उप चुनाव को लेकर चर्चा शुरू हो गई है और सियासी सुगबुगाहट सुनने को मिल रही है।

2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए गुरप्रीत गोगी ने लगातार 2 बार के विधायक और कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को हराया था जो दोनों पार्षद व जिला कांग्रेस प्रधान के दौरान कई सालों तक पार्टी में इकट्ठे काम कर चुके थे। इसके बाद गोगी की कांग्रेस के एक और पुराने साथी रवनीत बिट्टू के साथ भी बिगड़ गई और लोकसभा चुनाव के दौरान भी दोनों में काफी तकरार देखने को मिली।

अब देखना यह होगा कि हलका वैस्ट का उपचुनाव में मुकाबला किन चेहरों में होगा, क्योंकि विजिलैंस व ई.डी. के केस की वजह से लंबा समय जेल में रहकर आए आशु एक बार फिर हलका वैस्ट की सीट पर दावेदारी जताएंगे। इसी तरह आम आदमी पार्टी के साथ भाजपा भी जरूर उम्मीदवार खड़ा करेगी, जबकि अकाली दल की स्थिति समय आने पर ही साफ हो पाएगी।