मध्य प्रदेश एटीएस और साइबर सेल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. संयुक्त पुलिस टीम ने फ्रॉड का पैसा टेरर फंडिंग में इस्तेमाल करने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस काम में उनका साथ बैंक कर्मचारी भी दिया करते थे. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी सरकारी योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी किया करते थे. वह सोशल मीडिया एप जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर ऑनलाइन बेटिंग गेम का एड देकर विज्ञापन के माध्यम से भी धोखाधडी किया करते थे.

पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों को दिल्ली और हरियाणा में ट्रेनिंग दी गई. मध्य प्रदेश ATS और साइबर सेल पुलिस ने मिलकर आरोपियों को हैदराबाद और हरियाणा से गिरफ्तार किया है. उन्हें मध्य प्रदेश लाया गया है. पुलिस ने इस मामले में पहले 12 और अब 6 आरोपी गिरफ्तार किए हैं. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से लगभग 14 लैपटॉप, 40 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंक के 89 एटीएम कार्ड, 6 बैंक पासबुक, 5 क्यूआर कोड और 2 चेकबुक बरामद की हैं.

सरकारी योजनाओं का देते थे लालच

पुलिस के मुताबिक, आरोपी सरकारी योजनाओं का लाभ देने का लालच देकर लोगों के दस्तावेजों के जरिए फर्जी तरीके से विभिन्न बैंको में खाते खुलवाते थे. इस काम में उनकी मदद बैंक कर्मी दिया करते थे. आरोपियों से पूछताछ में विभिन्न बैंक केअधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हुई है. आरोपियों के द्वारा लोगों के पहचान पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज धोखे से हासिल कर विभिन्न बैंको में खाते खुलवाकर अवैध लाभ प्राप्त किया गया. इतना ही नहीं गिरोह के सदस्य फर्जी गेमिंग लिंक बनाकर बेटिंग (सट्टा) कराने के नाम पर भी धोखाधडी किया करते थे.

खुद को बताते थे अधिकारी

पुलिस ने बताया कि आरोपी आम लोगों के दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी तरीके से अलग अलग कम्पनियों की सिमें खरीदते थे. आरोपियों ने वित्तीय अनियमित्तओं से बचने के लिये आपस में रुपये का लेनदेन कर सरकारी एंजेसियों को गुमराह करने का प्रयास किया. वह खुद को बैंक अधिकारी बताते थे. पुलिस ने बताया कि आरोपी मासूक उर्फ मसूद, चंचल विश्वकर्मा, नीरज यादव, रामनाथ कुमार, गोविन्द कुमार और साजिद खान को हरियाणा से गिरफ्तार किया है.

दिल्ली-हरियाणा में मिली ट्रेनिंग

आरोपियों ने पूछताछ में बताया की इनका संपर्क देश के विभिन्न राज्यों दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ के अन्य आरोपियों के साथ भी हैं, जिनके साथ मिलकर यह फर्जी बैंक खातों एवं फर्जी सिमों का व्यापार एवं उनका उपयोग सायबर फ्रॉड करने में करते थे. आरोपियों ने बताया कि सोशल मीडिया एप जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम पर ऑनलाइन बेटिंग गेम का एड देकर विज्ञापन के माध्यम से भी धोखाधडी करने का कार्य करते हैं, जिसकी ट्रेनिंग उन्हे दिल्ली व हरियाणा में दी गई.